झरोखा : ऑन लाइन मतदान पर होना चाहिए विचार

Post by: Manju Thakur

Jharokha: Life is burning in DJ and firecrackers

: पंकज पटेरिया
मेरी हम उम्र पीढ़ी जो बचपन देखते आ रही है और यादों के सफे पलट कर देखे तो लगता है कि भारत के क्या विश्व के अन्य देशों में मतदान का प्रतिशत दिन-दिन गिरता रहा है।
कल की कल कल समय नदी के प्रवाह को याद के किसी किनारे से खड़े होकर देखा जाए, दो-तीन दशक में मतदान का प्रतिशत बहुत कम और चौंकाने वाला रहा है। मतदाताओं की इसके प्रति उदासीनता के कारक जो भी रहे हो, वह अलग बात है।
इससे किसको लाभ और किसको नुकसान होता है यह भी एक अलहदा मामला है। लेकिन सियासत के चेहरे पर इस वजह से फिक्र की लकीरें जरूर गहरी होती है। पार्टी सरकार और बुद्धिजीवियों ने मतदान को जनता का मौलिक अधिकार बताया और उसके पक्ष में ढोल मजीरे, भजन, कीर्तन आदि प्रचार माध्यम से भी जमकर माहौल बनाया जाता है लेकिन इस सबका कितना प्रभाव पड़ता है यह सर्वे और विश्लेषण का मामला है।
कई जगह मनोवैज्ञानिक यह भी कहते हैं कि मनुष्य की एक प्रकृति आलस से उसका एक कुतर्क यह भी होता है, अरे यार कौन जाए ? धक्का खाने, फिर अपने एक वोट न देने से कौन सा पहाड़ गिर पड़ेगा, कौन सी बाढ़ आ जाएगी आदि। फिर इसका प्रभाव कम मतदान के रूप में सामने आता है।
हम डिजिटल क्रांति युग में रह रहे हैं। अब तो होटल, मॉल, किराना दुकानों, यहां तक की चाय पान की दुकानों और फुटपाथ पर कचोरी, समोसे, फुल्की, चार्ट बेचने वाले ऑनलाइन पेमेंट लेते हैं। सब्जी वाला घर बैठे सब्जी दे जाता और पेटीएम पर पैसे ले लेता।
एक शहर से दूसरे शहर में पलक झपकते पैसा ट्रांसफर हो जाता है। उसका फोटो शॉट भी आपके पास आ जाता है। हमारे वैज्ञानिक प्रतिभा चंद्रमा को चंद्रयान तोहफा बैठ कर चुके हैं। विश्वात्मा सूर्य के दर्शन करने आदित्य एल्बन हमारी टेक्नोलॉजी ने सूर्य देश भेज दिखा दिया। तो ऑनलाइन मतदान क्यों नहीं हो सकता? उसे पर व्यापक विचार से विमर्श होना चाहिए। आज हमारे देश में अनेक प्रतिभा संपन्न सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दिशा में पहल तो करें। फिर सावधानी और सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए इसे हर व्यक्ति तक मोबाइल से पहुंचाया जाए और आधार कार्ड वोटर आईडी से जोड़ा जाए।
यूनिक आईडी, पासवर्ड, ओटीपी के जरिए मतदाता मत दे। क्या ऐसा संभव नहीं है। जाहिर है इससे मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा।
सभी पहलुओं को मद्दे नजर रखकर इस मुद्दे पर सामूहिक विमर्श किया जाना चाहिए। निजी राग द्वेष से ऊपर। राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर अस्तु
नर्मदे हर जय भारत।

pankaj pateriya edited

पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9893903003
9340244352

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