झरोखा : चुनाव मे जीत की दावेदारी : अपने अपने अंदाज…

Post by: Manju Thakur

Their sorrows and pains are one caste, they are together in happiness also

: पंकज पटेरिया –
लो भैया जी, इस बार तो चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए गजब के नगाड़े बजने लगे। सुना है कई भैया जी लोग जुगत बैठाने में लगे हैं न। गली गली में शोर शराबा है। तो वह यू इधर मिठाई वाले टोले में हो, या नमकीन वाली बिरादरी में खासा विचार मंथन चल रहा है। अरे भाई हमें कौन सी काबिलियत नहीं ? हमारा रुतबा गालिब है, जायके में रसदार है, गिजा वाले हैं तो दूसरी तरफ नमकीन लॉबी में यह तुर्रा तरन्नुम है तो हम भी किसी से कम है क्या? कुरकुरे चटपटे खारे तेज तर्राट तेवर वाले।
लिहाजा फला पार्टी का सिंबल की सपोर्ट अपन को मिलना चाहिए, नहीं तो सोच लो अपन इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर ही चुके है। अब कोई एतराज नहीं होना चाहिए।
हमारा भी है आभा मंडल है, किस बात की कमी है? दोनों बिरादरी में शानदार दावे किए जा रहे हैं। मिठाई टोली में ऊंचे दर्जे वाले गुलाब जामुन जी अपनी पूरी वजनदारी ठोक रहे हैं तो उधर मोहनभोग मलजी श्रीखंड जी, मक्खन जैसी भद्र बंगाली छवि में रसगुल्ला ताल ठोकने पीछे नहीं है। तो भैया जी मलाई बर्फी की ठनक के क्या कहने, हाल ही मे छरहरी कमसिन नक्शे निगार वाली काजू कतरी जी ने अपने अभिजात मुस्कान के साथ यह जताने की कोशिश की है कि हमारा प्रभाव किस से कम है? हमारे फेन मेल की लिस्ट इंटरनेट पर टटोल ली जाएं।
इधर नमकीन बिरादरी में ही गरम चर्चा चल रही है कचोरी जी भरे भरे कपोल और सुनहरी रंगत से भर उठी हैं । तो मैडम मंगोड़ी मिजाज खासे तीखे है। अंदाज में सेल्फी वायरल कर रही है। इन सबके चलते समोसा चंद भी अपना पूरा बड़ा पेट लेकर सबका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। भाई मेरी लोकप्रियता किसी से कम नहीं है। मुझे ताल ठोकने की यह बड़बोलेपन की जरूरत नहीं है। छोटे बड़े पब्लिक के सभी भैया जी का अपुन को सपोर्ट है। यूथ ग्रुप ही नहीं बुजुर्ग काका साहब, काकी जी भी अपन को लाइक करते हैं। इधर लाल चटनी और हरी चटनी के भी मिजाज मूड समझना चाहिए।
तमाम चर्चा का खमीर ये है कि आपस में भिड़ने की वजह से इसका फायदा भैया माननीय लोग उठा लेंगे। अपन लोगों को अपनी बिरादरी के बड़े बुजुर्गों की शरण में जाना चाहिए इसलिए इधर बड़े बुजुर्ग और खासी हैसियत मिठाई टोले वाले जिनकी आज भी बड़ी अदब से सभी चर्चा करते हैं।कलाकंद जी महाराज की शरण में जाने की बात कर रहे हैं ताकि वह नाम डिसाइड करें। इधर नमकीन बिरादरी में भारी कशमकश है। सब के तेवर तीखे हैं सबका कहना है हमारी शक्ल सूरत स्टाइल देखो, मेकअप देखो, रोब रुतबा देखें, पापुलेरिटी देखिए, छोटे से छोटे तबके तक पहुंच है। फिर काय की कमी रह गई?
नाप, माप, फिगर लिविंग स्टैंडर्ड सर्किल देखिएगा ? इनके यहां भी एक् रुतवेदार शख्सियत है, मर्दाना है। इस बिरादरी के बहुत पॉपुलर वह है दादा दही बड़ा जी उनका बड़ा बोलबाला है। बड़े जमाने से आज भी उनका रुतबा गालिब, इकबाल बुलंद है।
गोया यह विचार चल रहा है कि अपने अपने बड़े बुजुर्ग के यहां जाकर दंडवत कर गुहार की जाय। इसके पहले आपस में भी मतभेद को मिटाकर एका किया जाए। फिर आगे बढ़ा जाए।
अब देखिए आगे तस्वीर क्या बनती है। कौन किसके साथ सेट हो जाता है,भविष्य बताएगा।
नर्मदे हर

pankaj pateriya edited

पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9893903003
9340244352

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