झरोखा : विदाई के क्षणों में भावुक हुए प्रवासी और इंदौरी भी..

पंकज पटेरिया :
लजीज व्यंजनों की मस्त मस्त नगरी और लाजवाब साबूदाना खिचड़ी, पोहे, सेब, मठरी और जाने क्या जिसकी कल्पना करते मुंह मे पानी से भर जाता। इंदौर में प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन ने प्रदेश कर्मयोगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पगड़ी में सुर्खाब के पर लगा दिए।

वही गर्व से मध्यप्रदेश का शीश भी उन्नत कर दिया। भारत के तपस्वी और सर्वप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति ने जो आलोक रचा वह तो अविस्मरणीय है। इंदौर का दिल कितना बड़ा है, यह भी इस अवसर पर महसूस किया गया। अतिथि देवो भव की परंपरा आज भी कायम है अपने घरों और दिलों के दरवाजे किस तरह इंदौरियों ने मेहमानों के लिए खोल दिए थे और उनके खातिरतब्बजो मे भी कोई कमी नही आने दी। प्रवासी भारतीय मेहमान कई कई महकती यादें पहने, ओढ़े विदा हुए।

यह विदाई भी इतनी भावमई थी, उनकी आंखे डबडबा गई थी तो इंदौर की आंखें जहां नम हुई वहां दिल भी विदा के पल में भारी हो गए थे। सफल महा योजन वर्षों तक याद रहेगा। इसीलिए तो कहते हैं भारत का दिल हमारा सूबा, मध्य प्रदेश अद्भुत है। निरंतर लोगों के दिलों में प्यार भरे मनोरम किस्से लिख जाता है।

यह बात और है कि विघ्न संतोषी लोग इसमें भी सियासत ढूंढने की सिर पटक फालतू कोशिश करेंगे, लेकिन कीर्ति ध्वजा चतुर्दिक फहराती रहेगी।
ओर यह अंदाज भी, सीएम का लाजवाब
दरअसल करनी सेना द्वारा किए गए शाब्दिक हमले में प्रयुक्त अश्लील भाषा से दुखी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहां मां पर कहे गए अपशब्दों से पीड़ा पहुंची। लेकिन बचपन में बिछड़ी मां से माफी मांगता हूं, अपने इन बच्चों को माफ कर दीजिए।

मैंने भी उन्हें माफ कर दिया। मेरे दिल में भी उनके लिए कोई गिला नहीं। बकोल एक शेर के मैंने जिंदगी को इस तरह आसान कर लिया किसी से माफी मांग ली किसी को माफ कर दिया।

नर्मदे हर।

पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार
साहित्यकार
9340244352 ,9407505651

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