कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने की परशुराम जयंती घर में मनाने की अपील

कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने की परशुराम जयंती घर में मनाने की अपील

इटारसी। 14 मई को भगवान परशुराम जयंती (Parshuram jayanti) मनाई जाएगी। कोरोना काल के चलते सभी जयंती अपने घरों में मनाएगे। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज (Kanyakubj Brahmin Samaj) पंडित आलोक शुक्ला नें बताया कि भगवान श्री विष्णु जी के छठवें अवतार के रूप में अक्षय तृतीया के दिन ऋषि जमदग्नि माता रेणुका के घर भगवान श्री परशुराम जी का जन्म हुआ। ये सभी जानते ही है किन्तु उनके सन्दर्भ में कुछ अनछुई बातो का वर्णन करते है। हम सब इस बात प्रफुल्लित होते है कि भगवान श्री परशुराम जी जन्मस्थली मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के निकटतम (जानापाव) पहाड़ पर शास्त्रों में माना जाता हैl इस पहाड़ के शिखर पर पहुंचने पर पीछे के तरफ देखने पर एक छोटी कंद्रा जो गोमुखी प्रतीत होती है, उस कन्द्रा से अविरल एक धारा निकलती है जिसे चम्बल नदी का उदगम स्थल भी माना गया है जो धारा आगे चलकर चम्बल नदी का विराट रूप धारण कर लेती है। जो शिखर से स्पष्ट दिखाई देती है l (जानापाव) के नाम को लेकर कई मान्यताएं प्रमुख ये माना जाता है कि ये पहाड़ इतना दुर्गम था कि इस पर पहुंच पाना सम्भव था जिसके कारण इसका नाम (जानापाव) हो गया। किन्तु आज सर्व सुविधा युक्त मार्ग बन जाने पर यहां भक्तो का पहुंच पाना आसान हो गया हैl वर्तमान में यहां भगवान श्री परशुराम जी का भव्य मंदिर निर्माण का कार्य आरम्भ है जिसका शुभारम्भ होना था किन्तु मंदिर के मुख्य पुजारी बद्री नंद जी का देवलोकगमन और कोरोना के प्रकोप के चलते स्थगित कर दिया जो आने वाले वर्ष में हो सकता हैl पंडित आलोक शुक्ला “आंसू” ने सभी विप्रजनों से निवेदन है कि कोरोना के नियमानुसार अपने-अपने घरों में रहकर ही भगवान श्री परशुराम जी पूजा-अर्चना कर इस प्रकोप से जल्द मुक्त करने की प्रार्थना करें।

 

 

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