इटारसी। सतपुड़ा टायगर रिजर्व प्रबंधन (Satpura Tiger Reserve Management)ने आखिरकार मान ही लिया है कि बाघ का शिकार हुआ है। पहले कुछ दिन तक शिकार जैसी बातों से बचने वाले अफसर अब मान रहे हैं कि बाघ का शिकार हुआ है। इसके लिए जांच भी प्रारंभ कर दी है और अज्ञात शिकारियों की तलाश में गश्ती दल भी लगातार जुटे हैं।
सतपुड़ा टायगर रिजर्व के संचालक एल कृष्णमूर्ति (L Krishnamurthy) ने दावा किया कि पेट्रोलिंग (Patrolling) में कोई कमी नहीं होती है, बावजूद इसके शिकार हुआ है तो यह चिंता का विषय है और हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं। पानी में ज़हर मिलाकर बाघ को मारने जैसी बात पर उन्होंने कहा कि पानी का सेंपल भी लिया है, हालांकि उस पानी में मछलियां जिंदा हैं तो यह संभावना नहीं है कि ऐसा हुआ होगा। हमने बाघ का पोस्टमार्टम (Post Mortem) के बाद सेंपल जबलपुर (Jabalpur) भेजे हैं। मामले को हमने गंभीरता से लिया है, इसमें हम स्टेट टायगर प्रोटेक्शन फोर्स (State Tiger Protection Force) और पुलिस (Police) की भी मदद ले रहे हैं। टायगर रिजर्व में रेड अलर्ट जारी किया है। उन्होंने कहा कि हम सुरक्षा को महत्व देते हैं, लेकिन ऐसी घटना के बाद हमें समीक्षा करनी पड़ेगी।
स्पेशल गश्ती दल बनाये हैं, जो आसपास के गांवों, हाट बाजारों में भी घटना की जानकारी के लिए जांच कर रहे हैं। शिकारी स्थानीय हैं या बाहर से आए हुए हैं, यह जांच में आगे पता चलेगा, फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि जब बाघ का शव मिला था, उससे तीन-चार दिन पूर्व उसकी डेथ हुई है, उसका सिर गायब था। जांच में हमने डाग स्क्वायड ( Dog Squad) को भी लगाया है, गांव, खेत, हाट बाजार सभी जगह जा रहे हैं। बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में टायगर का शिकार कर गर्दन काटकर ले जाने की घटना के बाद वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने बाघों के शिकार के खतरे को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मप्र के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, कान्हा समेत देश के 13 टाइगर रिजर्व और फॉरेस्ट क्षेत्रों में यह रेड अलर्ट जारी किया है। जहां बाघ रहते है।
इन क्षेत्रों में डब्ल्यूसीसीबी के एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा ने सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और संबंधित अधिकारियों को तुरंत गश्त तेज करने और चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 26 जून को टाइगर का गर्दन कटा शव मिला। पिछले एक सप्ताह में देश में टायगर की मौत की सबसे बड़ी घटना है। जिसे लेकर 29 जून को एडिशनल डायरेक्टर एचवी गिरिशा ने रेड अलर्ट का पत्र जारी किया। जिसमें उल्लेख किया कि विश्वसनीय इनपुट और हाल ही में हुई बरामदगी के खुलासे के आधार पर संगठित शिकार गिरोह आसपास सक्रिय देखे गए हैं। सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड निदेशकों और बाघ प्रजनन क्षेत्रों सहित बाघ रिजर्व के बाहरी क्षेत्रों से संबंधित अधिकारियों को सचेत किया है।