श्री द्वारिकाधीश मंदिर में श्रीमद्भागवत में कृष्ण जन्म की लीला ने मोहा श्रोताओं का मन

श्री द्वारिकाधीश मंदिर में श्रीमद्भागवत में कृष्ण जन्म की लीला ने मोहा श्रोताओं का मन

इटारसी। पवित्र पावन श्रावण माह के बाद पुरुषोत्तम मास में श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर (Shri Dwarkadhish Bada Mandir) में जारी संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha with music) के चतुर्थ दिवस शुक्रवार को कृष्ण जन्म की कथा सुनायी। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की झांकी भी सजायी। कथाव्यास पं मधुकर व्यास (Pt Madhukar Vyas) ने व्यासपीठ से संबोधित करते हुए कृष्ण जन्म, श्रवण कुमार एवं अन्य प्रसंग पर कथा सुनाई।

पं व्यास ने कहा कि श्रवण कुमार अपने माता पिता को तीर्थ यात्रा कराने निकले थे। रास्ते में उनके मातापिता को प्यास लगी तो वे एक कुंड से पानी लेने गए तभी अयोध्या के राजा दशरथ ने हिरन समझकर बाण मारा जिससे श्रवण कुमार घायल हो गए। घायल अवस्था मे भी श्रवण कुमार ने दसरथ से कहा कि आपने मुझे बाण तो मार दिया है परंतु मेरे माता पिता जो प्यासे है उन्हें पानी पिला दीजिए। श्रवण कुमार के जैसा माता पिता के प्रति प्रेम आज की हर संतान को सीखना समझना चाहिए जो स्वयं मरने की हालत में है परंतु मातापिता की चिंता पहले कर रहे है।

कथा में कृष्णजन्म का मनमोहक प्रदर्शन किया। ढोल बाजों और बधाइयों के बीच श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। परिसर में कृष्णा जन्म के उपलक्ष्य में विशेष सजावट की गयी थी वहीं भोग प्रसाद के रूप में लड्डू का वितरण सभी श्रोताओं को किया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा की शुरुआत में यजमान प्रमोद पगारे एवं धनराज कुशवाह सहित अमित सेठ दरबार, मोहनलाल कुशवाह बोरतलाई, दीपक कुशवाह सोनासावरी ने व्यासपीठ का पूजन और महाराज का स्वागत किया।

कथा प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक कथा का श्रवण कराया जाएगा। कथा में वाद्ययंत्र ऑर्गन एवं गायन पर दीपक तिवारी, ढोलक और गायक सीताराम, मंजीरा पर दीपेंद्र दुबे संभाल रहे है। कथा के सफल आयोजन में मंदिर प्रबंधन समिति के दिनेश सैनी का महत्वपूर्ण सहयोग है।

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AUTHORRohit

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