मनोरंजन : तेज तपन के बीच ठंडी हवा का एक झोंका है ‘लापता लेडीज’

Post by: Manju Thakur

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Bachpan AHPS Itarsi

आज का सिनेमा जहां पांच सौ और हजार करोड़ के बिजनेस की बात होती है, उनमें मारधाड़, हिंसा जैसे दृश्य, कहानी का अभाव, न सामाजिक संदेश। ऐसे में भीषण तपन के बीच ठंडी हवा के झोंके सी है, किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज।’ यह तस्वीर हमें दो युवतियों फूल कुमारी और जया से मिलवाती है। फूल, एक भोली दुल्हन, घूंघट प्रथा के चलते फूल गलत पहचान के एक मामले के बाद खुद को एक सुदूर रेलवे स्टेशन पर फंसा हुआ पाती है। इस बीच, जया, एक शिक्षित, मन में एक सपना पाले और स्वतंत्र विचारों वाली दुल्हन, अनजाने में गलत गांव में पहुंच जाती है। यह घटना दोनों महिलाओं के जीवन को हमेशा के लिए बदल देती है।
‘लापता लेडीज’ शादी के बाद ससुराल जा रही दो दुल्हनों की कहानी है, जो ट्रेन यात्रा के दौरान लंबा घूंघट होने से बदल जाती हैं। इसके बाद उनके आगे के अनुभव और यात्रा पर फिल्म की कहानी आधारित है। इस फिल्म के सरल हास्य दृश्यों और बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्म को काफी तारीफें मिली हैं। आमिर खान प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्माण आमिर खान और ज्योति देशपांडे ने किया है। फिल्म में काफी प्रतिभावान कलाकारों ने अभिनय किया है। फिल्म में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा, स्पर्श श्रीवास्तव, छाया कदम और रवि किशन ने अहम किरदार निभाया है।
आज के फिल्मी दौर में जहां बड़े-बड़े नायक, कानफोड़ू संगीत, भारी भरकम डायलॉग हावी हैं, किरण राव की ‘लापता लेडीज’ असाधारण परिस्थितियों से जूझती आम महिलाओं की एक ताजा और मार्मिक कहानी के रूप में सामने आती है। ग्रामीण भारत के एक काल्पनिक शहर की पृष्ठभूमि पर आधारित किरण राव द्वारा निर्देशित यह फिल्म अपना संदेश भेजने के लिए हास्य, व्यंग्य और रहस्य का उपयोग करती है। अनजान कलाकारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन और रवि किशन का किरदार फिल्म का मुख्य आकर्षण हैं। लापता लेडीज की कहानी भारतीय समाज में प्रचलित पितृसत्ता, स्त्री-द्वेष और लैंगिक असमानता पर तीखी सामाजिक टिप्पणी प्रस्तुत करती है। ‘लापता लेडीज’ एक हृदयस्पर्शी और प्रभावशाली फिल्म है जो दर्शकों को पसंद आती है, जो अपनी सम्मोहक कहानी और मजबूत प्रदर्शन के साथ एक अमिट छाप छोड़ती है।
‘लापता लेडीज’ सिर्फ प्यार और रोमांस की कहानी नहीं है, बल्कि नारीवादी विषयों की एक सशक्त खोज है। फूल और जया के अनुभवों के जरिए, यह फिल्म भारतीय समाज में सदियों पुरानी रूढिय़ों को चुनौती देती है और विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में महिलाओं की दृढ़ता और ताकत को प्रदर्शित करती है। फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसके शानदार किरदारों और शानदार अभिनय में निहित है। नितांशी गोयल और प्रतिभा रांटा ने क्रमश: फूल और जया के रूप में असाधारण प्रदर्शन किया है और अपने किरदारों में गहराई, संवेदनशीलता और प्रामाणिकता भर दी है। रवि किशन और छाया कदम जैसे दिग्गजों सहित सहायक कलाकार, कथा में बारीकियों और भावनाओं की परतें जोड़ते हैं, इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। किरण राव की इस फिल्म को काफी सराहना मिली है। फिल्म की कहानी और अदाकारी दर्शकों को काफी पसंद आई है।
कहा जा सकता है कि किरण राव द्वारा निर्देशित ‘लापता लेडीज’ इस साल की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इस फिल्म के लिए किरण राव को काफी तारीफें मिली हैं।

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