- 15 साल बाद भी ग्वालियर से नर्मदापुरम कमिश्नर कार्यालय नहीं पहुंच पाए दस्तावेज
इटारसी। सरकारी विभागों में काम व दस्तावेज को सुरक्षित रखकर पहुंचाने के बजाय कितनी लेटलतीफी और लापरवाही की जाती है, इसका उदाहरण देखने में आया है। जहां कमिश्नर कार्यालय ग्वालियर से नर्मदापुरम में भेजे सरकारी दस्तावेज की फाइल 15 साल बाद भी नहीं पहुंची है। दस्तावेज नहीं मिलने का मामला उस समय उजागर हुआ, जब कोर्ट में केस से संबंधी दस्तावेज मांगे गए। अब अधिकारियों ने दस्तावेज गुम होने का मुकदमा दर्ज करा दिया।
केस दर्ज होने के बाद सरकारी सिस्टम की लेटलतीफी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक सीलिंग के केस के दस्तावेज कमिश्नर कार्यालय ग्वालियर से वर्ष 2008 में आयुक्त कार्यालय नर्मदापुरम (होशंगाबाद) को भेजे गए थे, जो अभी तक अपर आयुक्त कार्यालय नहीं पहुंचे। सीलिंग का केस कोर्ट में विचारधीन है। कोर्ट ने उक्त दस्तावेज मांगे, जो अपर आयुक्त कार्यालय में नहीं मिले। इसके बाद हड़कंप मच गया।
इटारसी एसडीएम की ओर से क्लर्क राजन पिल्लई की शिकायत पर गुरुवार रात 12.30 बजे दस्तावेज गुम होने का मुकदमा दर्ज हुआ। एसडीएम नीता कोरी ने बताया सीलिंग के दस्तावेज थे, जो मिल नहीं रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कराया गया है। मामले की पुलिस द्वारा जांच की जाएगी।