वर्तमान परिदृश्य में मानसिक स्वास्थ्य की प्रासंगिकता पर व्याख्यान

Post by: Rohit Nage

Lecture on Relevance of Mental Health in Current Scenario
  • भारतीय ज्ञान परंपरांतर्गत मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर व्याख्यान का आयोजन

इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटारसी में भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर जनप्रयास एनजीओ इटारसी से श्रीमती अर्चला मिश्रा एवं लक्ष्य नशा मुक्ति केंद्र इटारसी से निहारिका मैम, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ राकेश मेहता, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अरविंद शर्मा एवं डॉ रश्मि तिवारी मंचासीन रहे। प्राचार्य डॉ राकेश मेहता ने आमंत्रित वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आज के दिन को ‘मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ घोषित किया है और इसकी थीम ‘कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें’।

इस अवसर पर उन्होंने अपने विचार रखते हुए प्राचीन परंपराओं में दिए उपचार जिसमें अल्पविराम, योग, ध्यान, व्यायाम आदि निदान एवं दैनिक दिनचर्या को व्यवस्थित करने का सुझाव दिया। जनप्रयास एनजीओ से आमंत्रित अर्चला मिश्रा ने मानसिक स्वास्थ्य में कमी का सबसे बड़ा कारण OCD मानसिक रोग बताया गया जिसमें रोगी में आत्मविश्वास की कमी होती है। काम का प्रेशर लेना, काम को घर ले जाना, सोमेटिक डिसऑर्डर, किसी पर विश्वास न करना। दूसरों के साथ तुलना करना, भय और पिछडऩे का डर, शारीरिक कमजोरी आदि इसका कारण है।

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए हमें स्वयं की देखभाल करनी चाहिए दूसरों पर डिपेंड नहीं रहना चाहिए, समय-समय पर अपनी भावनाओं को विचारों को अपनों से अभिव्यक्त करना चाहिए, अपना विश्लेषण करना चाहिए कम से कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहिए, साथियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए आदि बातें उन्होंने अपने व्याख्यान में कहीं।
लक्ष्य नशा-मुक्ति केंद्र इटारसी से आमंत्रित निहारिका मालवीय ने कहा कि यूनिवर्सल ट्रुथ कुछ भी नहीं होता, 21 वीं सदी में सब कुछ हमारे हाथ में है।

गूगल की अधीनता को छोडक़र हमें किताबों से ज्ञान लेना चाहिए। हमें अपना भाग्य खुद लिखना है, अपना क्रिएटर स्वयं बनना है। वन थिंग, वन वे, वन टाइम आदि बातें उन्होंने अपने व्याख्यान में कही। कार्यक्रम में नशा मुक्ति केंद्र से संजीव बिसारिया, दिनेश व्यास एवं महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. मनीष कुमार चौरे एवं आभार डॉ. रश्मि तिवारी द्वारा किया गया।

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