
पत्र संपादक के नाम : इटारसी का विकास सर्वोपरि
महोदय ,
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का युवा पीढ़ी को स्पष्ट संदेश था कि यदि सपने ही देखना है तो ऊंचे सपने देखो । तो इस बार हम इटारसी के विकास के लिये जो सपने देखेंगे वे किसी भी मायने में कम नहीं होंगे । हमारी मांग भी इन्हीं सपनों पर आधारित है । इसके लिए हमको सबका साथ चाहिए क्योंकि सबके साथ से ही सबका विकास सम्भव है ।
सबसे पहले बात रेलवे स्टेशन से सोना सांवरी होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने वाले मुख्य मार्ग की जिससे एक तरह से पूरा शहर ही जुड़ा है । उल्लेखनीय है कि ये मार्ग नगर के लगभग 50 छोटे बड़े मार्गों से जुड़ा हुआ है । जिस तरह दिल्ली के रिंग रोड की तर्ज पर ग्वालियर में एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है । उसी तरह इटारसी के इस मुख्य मार्ग को भी विकसित किया जाए । या फिर पंजाब के मोहाली में बनने वाली देश की पहली इंटेलिजेंट रोड की तरह ही उपरोक्त रोड को बनाया जाए ताकि इस सड़क पर भी स्पेशल सेंसर से ट्रैफिक संचालित किया जा सके । साथ ही एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड भी बेरोकटोक चलने लगें ।
अब बात इटारसी शहर में बनने वाले बस स्टैंड की । होशंगाबाद में भोपाल तिराहे के पास चंडीगढ़ की तर्ज पर नया बस स्टैंड बनाया जाना प्रस्तावित है । मेरी मांग ये है कि इटारसी के प्रस्तावित बस स्टैंड को भी चंडीगढ़ की तर्ज पर ही विकसित किया जाना चाहिए ।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एयर पोर्ट जैसी सुविधाओं से युक्त देश के पहले विश्व स्तरीय मॉडल स्टेशन – रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया । अब भोपाल रेलवे स्टेशन को इसी स्टेशन की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है । इधर इंदौर रेलवे स्टेशन को भी एयरपोर्ट की तरह सर्वसुविधायुक्त तथा आधुनिक बनाये जाने का निर्णय लिया गया है । जब हबीबगंज और भोपाल रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने के प्रयास किये जा सकते हैं , इंदौर को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है तो इटारसी रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन क्यों नहीं बनाया जा सकता । जबकि इटारसी देश का महत्वपूर्ण जंक्शन है ।
अंत में आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया ने रतलाम में राष्ट्रीय स्तर का एयर पोर्ट बनाये जाने की स्वीकृति दे है । इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं । हमें रतलाम में एयरपोर्ट बनाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन फिर सामरिक महत्व के इटारसी में एयरपोर्ट क्यों नहीं बनाया जा सकता । ज्ञातव्य है कि यहां एक ओर जहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है तो दूसरी ओर एम ई एस / सी पी ई जैसे रक्षा संस्थान भी हैं । पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो हमारा शहर पचमढ़ी , मढ़ई जैसे पर्यटन स्थलों से जुड़ा हुआ है । इटारसी एक व्यवसायिक शहर है । फिर भी यहां के नागरिकों को हवाई यात्रा करने के लिये भोपाल , जबलपुर , इंदौर और नागपुर तक भटकना पड़ता है ।
हो सकता है कि आपके लिए ये सब ख्वाब की बातें हों परन्तु आखिरकार हम घूम फिर कर वहीं आ जाते हैं । यदि सपने ही देखना है तो क्यूं न ऊंचे सपने देखे जायें । अन्यथा इटारसी की सड़कें तो आप देख ही रहे हैं । न केवल देख रहे हैं बल्कि महसूस भी कर रहे होंगे । नया बस स्टैंड जब बनेगा तब का तब देखा जाएगा कि कैसा बस स्टैंड बनता है । फिलहाल जिस बस स्टैंड में हम गुजारा कर रहे हैं उसकी हालत भी आपसे छिपी नहीं होगी । रेलवे स्टेशन की गंदगी से यात्री परेशान रहते हैं । लिफ्ट बन्द पड़ी है । एस्कलेटर भी बन्द है । एरोप्लेन सर पर से कब गुजर जाते हैं मालूम ही नहीं पड़ता । उठिए । जागिये । सोचिए । इटारसी का विकास कैसे हो । अन्यथा अपनी दयनीय स्थिति के लिये हम खुद जिम्मेदार होंगे ।
– विनोद कुशवाहा
एल आई जी / 85
न्यास कॉलोनी
इटारसी .