
लायसेंसी ने उठाए नई टेंडर प्रक्रिया पर सवाल
– रेलवे स्टेशन से पिछले दिनों हटाये गये थे 14 स्टाल
इटारसी। पिछले दिनों रेलवे (Railway) द्वारा लायसेंस पीरियड (License Period) समाप्त होने पर हटाये 14 लायसेंसी स्टाल्स (License Stalls) की टेंडर (Tender) प्रक्रिया की गई थी, उस पर अब सवाल उठाये जा रहे हैं।
दरअसल एक लाइसेंसी नर्मदा फूड एंड डेयरी (Narmada Food & Dairy) की संचालक मीना तिवारी की याचिका पर हाईकोर्ट (High Court) ने इन टेंडरों की प्रकिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। याचिककर्ता तिवारी के अनुसार स्टेशन पर 14 खानपान स्टालों को निविदा निकालने के पूर्व ही 31 मार्च को हटा दिया था। एक अनुमान के अनुसार मौखिक आदेश पर संचालित प्रति स्टालों से रेलवे को हर माह करीब 60 लाख रूपये की आय हो रही थी। स्टालों के हटने के बाद रेलवे ने प्लेटफार्म (Platform) 6-7, 3-4 एवं ़ नंबर प्लेटफार्म के लिए निविदा जारी की। उनका कहना है कि खानपान स्टाल्स को बंद करने के पूर्व निविदा निकालना था। इसके अलावा याचिका में निविदा शर्त अनुसार महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के नियमों की भी अनदेखी की गई है। आरोप है कि यहां के पुराने लाइसेंसियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से निविदा में गलती की गई, इसे सुधारा नहीं किया।
इस मामले को लेकर तिवारी ने हाईकोर्ट की डबल बैंच में याचिका पेश की थी, इस पर सुनवाई करते हुए फिलहाल सभी 14 स्टालों की निविदा पर रोक लग गई है। अपने स्टाल गंवा चुके ठेकेदारों का कहना है कि यदि रेलवे अधिकारी समय रहते प्रकिया में संसोधन कर लेते तो यह निविदा नहीं रूकती। इस मामले में रेलवे अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं, 14 स्टालों को बंद कर पुरानी 10 दुकानों को पुरानी दर पर संचालित किया जा रहा है। तिवारी ने इस मामले में रेलवे को पत्र भी दिया था, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली।