
पति की हत्या करने वाली पत्नी को आजीवन कारावास
इटारसी। प्रथम अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश इटारसी के न्यायालय ने चर्च मोहल्ला तवानगर निवासी 29 वर्षीय महिला सोनम मसतकर को उसके स्वयं के पति रविशंकर मसतकर की रस्सी से गला घोंटकर हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
घटना 29 अगस्त 2021 की है। आरोपी को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा एवं 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अर्थदंड अदा नहीं करने की स्थिति में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और भोगना होगा। आरोपी 30 अगस्त 2021 से न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल होशंगाबाद में निरूद्ध है जिसका सजा वारंट तैयार कर केंद्रीय जेल होशंगाबाद भेज दिया है।
अभियोजन की ओर से इस प्रकरण में पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि 29 अगस्त 21 को तवानगर के चर्च मोहल्ला में आरोपी सोनम की उसके पति रविशंकर से सुबह 10:30 बजे कहासुनी और झगड़ा हुआ था। उसने अपने पति के गले में कमरे में बंधी हुई झूले की रस्सी का फंदा डालकर पीछे की तरफ से जोर से खींच दिया था, जिससे रवि शंकर के गले पर रस्सी का गहरा निशान आया था और उसकी श्वसन अवरोध से मृत्यु हो गई थी।
परिजनों ने मृतक रविशंकर को पहले डॉक्टर जैसवानी के अस्पताल में ले जाया गया था, इसके पश्चात शासकीय अस्पताल इटारसी में उसे इलाज हेतु ले गए थे, जहां डॉ विकास जयपुरिया ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
मृतक की मां एवं मृतक के भाई ने पुलिस को बताया था कि शादी के पश्चात से ही आरोपी सोनम एवं उसके पति रविशंकर की लड़ाई होती रहती है, इसका कारण यह था कि सोनम के पास जो मोबाइल था उसमें तीन-चार अलग-अलग सिम डालकर सोनम किसी अन्य व्यक्ति से बात करती थी जिससे उसका पति नाराज होता था। वह कहना नहीं मानती थी और पति के साथ लड़ाई झगड़ा करती थी, जिससे रवि शंकर उससे परेशान रहता था और नशे की हालत में मारपीट करता था। इस बात से आरोपी सोनम ने अपने पति से छुटकारा पाने के लिए स्वयं के बेडरूम में अपने बच्चे की झूला झूलने की रस्सी से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी और कहानी यह बनाई थी कि नशे की हालत में रविशंकर ने आत्महत्या करने की धमकी देकर झूले की रस्सी गले में फंसा कर खींच ली थी जिससे वह बिस्तर पर रस्सी के बल पर औंधा गिर पड़ा था और बेहोश हो गया था जिसकी अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई थी। लेकिन मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट एवं डॉक्टर की पीएम रिपोर्ट में यह स्पष्ट वर्णित हुआ है कि उक्त व्यक्ति की मृत्यु रस्सी से साधारण तौर पर नहीं हो सकती है जब तक कि गले में डालने वाली रस्सी को किसी ताकत के माध्यम से जोर से दबाकर ना रखा जाए अथवा खींचा ना जाए। न्यायालय द्वारा आरोपी सोनम को पति की हत्या के दोषी मानते हुए उक्त सजा से दंडित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने 13 साक्षियों का परीक्षण कराया था, बचाव साक्षी के रूप में आरोपी सोनम स्वयं ने अपने कथन अंकित कराए थे। प्रकरण में आरोपी को दंड आदेश वीसी के माध्यम से सुनाया था और उसे दंड के प्रश्न पर भी न्यायालय ने पूर्ण रूप से गंभीरता से सुनकर उसका समाधान किया था।
शासन की ओर से इस प्रकरण में साक्ष्य संकलन एजीपी राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदौरिया ने कराई थी जिसके परिणाम स्वरूप आरोपी को हत्या का दोषी मानकर आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है।