नाबालिग पुत्री से दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास

Post by: Rohit Nage

10 years rigorous imprisonment to three who attacked and killed basewall, sword, knife and iron rod
Bachpan AHPS Itarsi

इटारसी। तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश इटारसी श्रीमती सुशीला वर्मा ने एक इटारसी जिला नर्मदापुरम निवासी आरोपी को स्वयं की अल्पवयस्क पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के जघन्य अपराध में दोषी पाते हुये आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड तथा 506 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपये अर्थदंड से दण्डित किया।

जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि 18 जून 22 को अल्पवयस्क पीडि़ता ने अपनी मां के साथ थाना इटारसी पहुंचकर एक लिखित आवेदन दिया जिसमें बताया गया था पीडिता कक्षा 9 वी में पढ़ रही है। उसके सगे पिता ने जो कोई काम धंधा नहीं करते है, उसकी मां रोज सुबह पांच से साढे पांच घूमने जाती थी, 17 जून 22 की सुबह 5 साढ़े पांच बजे जब वह सो रही थी, तब उसे उसके पिता ने जगाया और उसे अंदर कमरे में ले गया और वहां पर उसका अंतरवस्त्र उतार कर उसके निजी अंग पर हाथ लगाने लगा और उसे धमकी दी कि अगर यह जानकारी उसने मां या किसी को भी बतायी तो वह पीडि़ता और उसकी मां को काटकर फेंक देगा।

उसके बाद उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी जिससे वह डर गयी और किसी को घटना नहीं बतायी। दूसरे दिन 18 जून 22 को सुबह साढ़े 5 बजे उसके पिता ने पुन: उसे कमरे में ले जाकर उसके साथ मना करने पर भी दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी। पीडि़ता ने कुछ समय बाद उसकी मां को घटना की जानकारी दी। तब उसे उसकी मां थाने पर लेकर आयी। विवेचना के दौरान विवेचना अधिकारी विवेचक सोनाली चौधरी ने घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया और अभियोक्त्रिी का मेडिकल कराकर न्यायालय के समक्ष धारा 164 दप्रसं का कथन लेखबद्ध कराया है ।

विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विचारण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय में अभियोजन द्वारा अभियोक्त्रिी को नाबालिग प्रमाणित करने के लिये अभियोक्त्रिी का जन्म प्रमाण पत्र तथा कक्षा दूसरी की अंकसूची प्रस्तुत की। अभियोक्त्रिी के साथ उसके पिता द्वारा शारीरिक संबंध को प्रमाणित करने के लिये अभियोक्त्रिी का परीक्षण कराया तथा वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में एफएसएल भोपाल की डीएनए रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जिससे पीडि़ता के साथ उसके पिता अभियुक्त द्वारा दुष्कर्म की पुष्टि हुई।

घटना के समय अभियोक्त्री की आयु मात्र 12 वर्ष 11 माह 8 दिन थी। ऐसी स्थिति में अभियुक्त किसी भी प्रकार की सहानुभूति का पात्र नहीं है। अभियुक्त के उक्त कृत्य से अभियोक्त्री के वर्तमान तथा भविष्य पर पडऩे वाले प्रभाव को भी दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को दंडित किया। विचारण के दौरान शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी इटारसी एचएस यादव ने की।

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