बहुचर्चित लीना शर्मा हत्याकांड में आरोपियों को आजीवन कारावास

Post by: Rohit Nage

सोहागपुर। न्यायालय, संतोष सैनी, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, सोहागपुर द्वारा आरोपी प्रदीप शर्मा पिता जुगल किशोर शर्मा उम्र 63 वर्ष, निवासी डूडादेह, थाना-सोहागपुर, तहसील सोहागपुर, जिला नर्मदापुरम् को भा.दं.वि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 10,000 रुपए अर्थदंड, धारा 120 बी में आजीवन कारावास एवं 10,000 रुपए अर्थदंड, धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास एवं 5,000 रुपए अर्थदंड, धारा 404 में 3 वर्ष का कारावास एवं 5,000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया।

आरोपीगण गोरेलाल एवं राजेन्द्र को भा.दं.वि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 10000-10000 रुपए अर्थदण्ड, धारा 120 बी में आजीवन कारावास एवं 10000-10000 रुपए अर्थदण्ड, धारा 201 में 7-7 वर्ष का कारावास एवं 5000-5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। जिला अभियोजन अधिकारी, जिला नर्मदापुरम राज कुमार नेमा ने बताया कि लीना शर्मा निवासी राजेन्द्र वार्ड सोहागपुर, जो कि आरोपी प्रदीप शर्मा की रिश्ते में भांजी थी जिसकी पैतिृक कृषि भूमि ग्राम डूडादेह में थी, जिसका सीमांकन लीना शर्मा के द्वारा माह अप्रैल 2016 में किया था। सीमांकन के उपरांत मृतिका लीना शर्मा की कृषि भूमि में से 10 एकड़ 41 डेसिमल भूमि आरोपी प्रदीप शर्मा (मृतिका के मामा) के कब्जे में पायी गयी थी। लीना शर्मा के द्वारा अपनी उक्त भूमि तार फेंसिंग कराने के लिए प्रताप कुशवाहा से बात हुयी थी और प्रताप कुशवाहा ने उक्त भूमि पर तार फेंसिग करने हेतु सहमति दी थी।

घटना वाले दिन 29 अप्रैल 2016 को सुबह करीब 10 बजे लीना शर्मा, प्रताप कुशवाहा, उसके कर्मचारी गंगाराम एवं तुलाराम के साथ मौके पर उपस्थित हुआ था। सीमांकन अनुसार लीना शर्मा उक्त व्यक्तियों की उपस्थिति में तार फेंसिग करा रही थी, वहीं आरोपी प्रदीप शर्मा एवं उसके कर्मचारी एवं आरोपी राजेन्द्र एवं गोरे लाल भी उपस्थित थे। आरोपी प्रदीप शर्मा ने मृतिका लीना शर्मा को तार फेंसिग कराने से मना कर दिया था, इसी बात को लेकर आरोपियों से लीना शर्मा से बाद-विवाद एवं मारपीट हुए थी। मारपीट की घटना दूर से प्रताप कुशवाहा एवं उसके कर्मचारियों ने देखी थी।

प्रताप कुशवाहा ने वाद-विवाद एवं मारपीट की घटना की जानकारी पड़ोसी डेनियल को दी थी। इसके उपरांत लीना शर्मा का कोई पता चल नहीं पा रहा था। आरोपी प्रदीप शर्मा ने 05 मई 2016 को थाना सोहागपुर में मृतिका लीना शर्मा की गुम होने की सूचना दर्ज करायी थी। गुम इंसान की जांच के दौरान मृतिका लीना शर्मा की कॉल डीटेल एवं साक्षी प्रताप एवं अन्य साक्षीयों के कॉल डिटेल अभियोजन के द्वारा प्राप्त की गयी थी। जिसमें यह तथ्य सामने आया कि मृतिका लीना शर्मा की बात अंतिम बार साक्षी प्रताप एवं आटो ड्रायवर से हुई थी। गुम इंसान जांच के दौरान आरोपी गणों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर आरोपीगणों के द्वारा मृतिका लीना शर्मा की हत्या कर उसके शव को कामती- रंगपुर के जंगल के बरसाती नाले में गढ़ाने की जानकारी दी गयी थी। इसके उपरांत पुलिस के द्वारा शव उत्खन्न के संबंध में अनुविभागीय दंडाधिकारी से अनुमती ली गयी थी एवं नगर परिषद सोहागपुर के कर्मचारियों तहसीलदार सोहागपुर एवं पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में आरोपीगणों की दी गयी जानकारी के आधार से शव उत्खन्न कराया गया था।

शव उत्खन्न कराने पर मृतिका लीना शर्मा का शव नग्न अवस्था एवं सड़ी अवस्था में पाया गया था। मृतिका के शव के पास से कपड़े एवं अन्य सामान पाया गया था। मृतिका के शव के ऊपर नमक एवं यूरिया पाया गया था, जिसे की विधिवत पुलिस द्वारा जब्त किया गया था। मृतिका के शव का डीएनए परीक्षण मृतिका की बहन हेमा शर्मा के ब्लड सेंपल से कराया गया था। संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगणों को गिरफ्तार कर न्यायालय के द्वारा आरोपीगणों का विचारण किया गया था। आरोपीगणों को सजा हेतु उपजेल पिपरिया भेजा गया। अभियोजन की ओर से कुल 64 साक्षीयों का परीक्षण कराया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी शंकरलाल मालवीय अपर लोक अभियोजक एवं बाबूलाल काकोडिय़ा, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सोहागपुर ने की। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं मौखिक/दस्तावेजी साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगणों को दोषसिद्ध पाया गया।

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