छुट्टा की हत्या करने वाले को आजीवन कारावास की सजा एवं जुर्माना

इटारसी। तृतीय अपर सत्र न्यायालय ने इटारसी के प्रेम नगर न्यूयार्ड निवासी वीरेंद्र चौहान उर्फ छुट्टा पिता रमेश चौहान, उम्र 23 वर्ष की धारदार चाकू से वार करके उसकी हत्या करने वाले आरोपी दुर्गा प्रसाद कटारे पिता आत्माराम कटारे, उम्र 38 वर्ष, निवासी इंदिरा नगर न्यूयार्ड इटारसी को हत्या का दोषी पाते हुए धारा 302 भारतीय दंड विधान के तहत आजीवन कारावास की सजा से तथा 1000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है, अर्थदंड अदा नहीं करने पर आरोपी को 3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास और भोगना होगा।
निर्णय के समय आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में न्यायालय में उपस्थित हुआ था। प्रकरण की संपूर्ण पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक भूरे सिंह भदौरिया ने बताया कि ने बताया कि 26 अक्टूबर 18 को रात्रि 8:45 बजे वीरेंद्र चौहान मोहल्ले में धनीराम के पान गुटखा के टप्पर न्यू यार्ड गया था जहां पर उसे दुर्गा कटारे मिला और उससे पुराने उधारी के रुपए मांगे। रुपए देने से इनकार करने पर दुर्गा ने वीरेंद्र को गालियां दी और पेंट की जेब से लोहे का धारदार चाकू निकालकर उसे जान से मारने की नीयत से पेट में वार किया। चाकू पेट में लगने से वीरेन्द्र के पेट से खून निकलने लगा तब दुर्गा कटारे बोला आज तुझे खत्म कर दूंगा।
घटना शिवकुमार और आसपास वालों ने देखी थी इसके बाद उसके साथियों ने वीरेंद्र चौहान को रेलवे अस्पताल लेकर गए वहां से उसे सरकारी अस्पताल इटारसी भेजा जहां प्राथमिक उपचार के पश्चात उसे जिला चिकित्सालय होशंगाबाद भेजा था। जहां पर इलाज के दौरान 28 अक्टूबर 2018 को वीरेंद्र चौहान की मृत्यु हो गई थी। जब 27 अक्टूबर 2018 को आहत वीरेंद्र को इटारसी अस्पताल ले जाया गया था तब पुलिस थाना इटारसी ने अस्पताल पहुंचकर वीरेंद्र चौहान के बताए अनुसार मामला दर्ज किया था जो बाद में न्यायालय में मरणासन्न कथन के रूप में प्रदर्शित हुई है।
न्यायालय ने अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों एवं आरोपी के द्वारा किए गए प्राणघातक हमले से आहत वीरेन चौहान की मृत्यु हो जाने के संबंध में निर्णय में यह स्पष्ट वर्णित किया है कि आरोपी के द्वारा मृतक वीरेंद्र की हत्या करने के आशय से धारदार हथियार से वार किया था जिसके परिणाम स्वरूप उक्त वीरेन की मृत्यु हो गई है। उपरोक्त परिस्थिति में अभियुक्त दुर्गा कटारे को वीरेंद्र की हत्या का दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया जाना न्यायालय उचित मानता है। इस प्रकरण में डॉ. विवेक चरण दुबे एवं डॉ डीसी किंगर ने मृतक वीरेंद्र चौहान का मेडिकल परीक्षण एवं पीएम किया था जिन्होंने उसके शरीर पर छह छोटे गंभीर प्रकृति की होना पाई थी। न्यायालय ने मृत्यु पूर्व दिए कथन की सत्यता के आधार पर आरोपी को दोष सिद्ध किया है।
इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से 20 साक्षी का परीक्षण अपर लोक अभियोजक एजीपी भूरे सिंह भदोरिया एवं राजीव शुक्ला ने कराया था। बचाव पक्ष की ओर से एक साक्षी प्रस्तुत किया था। प्रकरण में अभियोजन की ओर से 36 दस्तावेजों को प्रदर्शित कराया गया था तथा बचाव पक्ष की ओर से 7 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए थे। न्यायालय ने हत्या के पश्चात जब्तशुदा सामग्री को आर्टिकल के रूप में 8 संख्या में विश्लेषण किया था। इस हत्या के प्रकरण में संपूर्ण पैरवी अपर लोक अभियोजक भूरे सिंह भदोरिया तथा राजीव शुक्ला ने की थी जिनके अंतिम तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने यह आजीवन कारावास से दंडित किए जाने का दंड आदेश पारित किया है। आरोपी गिरफ्तारी दिनांक 29 अक्टूबर 2018 से लगातार न्यायिक अभिरक्षा में है जिसे सजा वारंट से सजा भुगतने हेतु केंद्रीय जेल होशंगाबाद भेजा गया है।