इन आदिवासी भांजियों की सुनो मामाजी, अधिकारी तो सुन नहीं रहे

इन आदिवासी भांजियों की सुनो मामाजी, अधिकारी तो सुन नहीं रहे

इटारसी। नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिले के आर्डनेंस फैक्ट्री (Ordnance Factory) क्षेत्र में मप्र (MP) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao, Beti Padhao) की मंशा को पलीता लग रहा है। यहां की तीन आदिवासी बच्चियां स्कूलों में प्रवेश नहीं होने से परेशान हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्होंने एक वीडियो संदेश (Video Message) के जरिये उनका स्कूल में प्रवेश कराने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छा है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ। इसके लिए बाकायदा अभियान भी चलाया जा रहा है और इस पर काम भी चल रहा है। लेकिन, नर्मदापुरम जिले में कई जगह इस पर अमल नहीं हो रहा है।

आदिवासी ब्लॉक केसला (Tribal Block Kesla) अंतर्गत तीन आदिवासी बालिकाओं ने ग्राम चांदौन (Village Chandaun ) से कक्षा आठवीं उत्तीर्ण किया और आगे पढऩे के लिए गांव में स्कूल नहीं होने से वे गांव से बाहर पढऩा चाहती हैं। इन दोनों गांव में हाई स्कूल (High School) नहीं है। जो सबसे निकट स्कूल है, वह आर्डनेंस फैक्ट्री में है, जहां इनको प्रवेश नहीं मिल रहा है।

ग्राम रामपुर (Village Rampur) एवं कांदईकलॉ (Kandaikalaw) में हाईस्कूल है जो इनके गांव से करीब 8 किलोमीटर है और रास्ता सुनसान रहता है, जो लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है। दूसरा हाईस्कूल ग्राम चांदौन में है जो इनके गांव से 6 किलोमीटर है। यह भी सुरक्षित रास्ता नहीं है।
इन आदिवासी बालिकाओं के पालकों ने और आदिवासी नेताओं ने आयुध निर्माणी के महाप्रबंधक और कलेक्टर (Collector) को आवेदन दिए लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है। मध्यप्रदेश शासन (Government of Madhya Pradesh) का एक स्कूल ऑडनेंस फैक्ट्री इटारसी में है, परंतु उसमें एडमिशन (Admission) किसको मिले और किसको नहीं मिले, यहां मध्य प्रदेश सरकार की कोई नीति लागू नहीं होती है और पूरा दायित्व यहां के महाप्रबंधक पर है।

आयुध निर्माणी के बच्चों के अलावा यदि आसपास के बच्चे आते हैं तो मध्यप्रदेश शासन की नीति के अनुसार उन बच्चों को प्रवेश दिया जाना चाहिए। लेकिन यह आदिवासी बालिकायें परेशान हो रही हैं। मुख्यमंत्री के नाम इन्होंने वीडियो संदेश दिया है, ताकि यह वीडियो उन तक पहुंचे और वे इस संबंध में कुछ कर सकें।

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AUTHORRohit

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