भगवान विष्णु अवतार कल्कि जयंती 2022 जाने महत्‍व,शुभ मुहूर्त सम्‍पूर्ण जानकारी
कल्कि जयंती 2022 कब हैं, कल्कि जयंती शुभ मुहूर्त, क्‍यों मनाई जाती है कल्कि जयंती, कल्कि जयंती का महत्व, कल्कि अवतार का रहस्य, जाने सम्‍पूर्ण जानकारी

भगवान विष्णु अवतार कल्कि जयंती 2022 जाने महत्‍व,शुभ मुहूर्त सम्‍पूर्ण जानकारी

कल्कि जयंती 2022 कब हैं, कल्कि जयंती शुभ मुहूर्त, क्‍यों मनाई जाती है कल्कि जयंती, कल्कि जयंती का महत्व, कैसा होगा कल्कि अवतार, कल्कि अवतार का रहस्य, जाने सम्‍पूर्ण जानकारी

कल्कि जयंती 2022 (Kalki Jayanti 2022)

कल्कि शब्‍द का अर्थ होता हैं  अंधकार/अज्ञानता का नाश करने वाला।

हिंदू धर्म में प्रतिवर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन भगवान विष्णु की मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं और शांतिपूर्ण जीवन के लिए प्रार्थना की जाती हैं।

कल्कि अवतार श्‍लोक (Kalki Avatar Shloka)

मत्स्यः कूर्मो वराहश्च नारसिंहोऽथ वामनः । रामो रामश्च रामश्च कृष्णः कल्किश्च ते दशः ॥

कल्कि जयंती शुभ मुहूर्त 2022 (Kalki Jayanti Shubh Muhurta 2022)

  • इस वर्ष कल्कि जयंती 03 अगस्त 2022 को मनाई जायेगी।
  • षष्ठी तिथि की प्रांरभ : 03 अगस्त 2022 को सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर
  • षष्ठी तिथि समाप्‍त : 04 अगस्‍त 2022 सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
  • कल्कि जयंती मुहूर्त 03 अगस्त 2022 को शाम 04 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

कल्कि अवतार मंदिर

भगवान श्री कल्कि अवतार विष्णु मंदिर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हैं। पुराणों में संभल जिले को शंभल के नाम से भी पुकारा गया है।

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क्‍यों मनाई जाती है कल्कि जयंती (Why is Kalki Jayanti Celebrated) 

पौराणिक मान्‍यता के अनुसार कलयुग में बढ़ते अत्याचार, को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर धरती पर जन्म लेंगें, और कलयुग का अंत करेंगें। ऐसा माना जाता हैं कि कल्कि अवतार मे भगवान विष्‍णु का जन्म सावन माह की षष्टी के दिन होगा। कल्कि अवतार ब्रह्मांड के वर्तमान चक्र को अंत की ओर ले जायेगा और  एक बार फिर से नए युग की शुरुवात होगी।

कल्कि जयंती का महत्व (Significance of Kalki Jayanti)

क्लिक जयंती की शुरुआत आज से 300 वर्ष पहले राजस्थान के  मावजी नामक संत द्वारा की गई हैं। इस जयंती पर भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की भी पूजा अर्चना की जाती हैं। कल्कि जयंती मनाने के पीछे विशेष महत्‍व हैं कलयुग में बताया गया है कि कलयुग का अंत होते-होते मनुष्य की उम्र 16 वर्ष ही रह जाएगी।

मनुष्‍य की रक्षा के लिए भगवान जरूर धरती पर अवतार लेगें। कल्कि जयंती मनाने के पीछे यही कारण है कि भगवान की पूरी दुनिया एक साथ भगवान से प्रार्थना करें और उन्हें जल्द ही अवतरित होने के लिए आमंत्रित करें। ताकि सृष्टि में हो रहे पाप को जल्द से जल्द मिटाया जाए और श्रद्धालु और भक्तों को हो रही समस्या से छुटकारा दिलाया जाए।

कैसा होगा कल्कि अवतार (How Will Kalki Avatar Be)

विष्णु पुराण में इस अवतार का जिक्र होना बताया हैं उनका कहना है कि भगवान विष्णु का दसवां अवतार ही कल्कि अवतार होगा। भगवान विष्णु के इस अवतार की विशेषता के तौर पर कल्कि एक सफेद घोड़े पर सवार होंगे और घोड़ा चलते हुई स्थिति में दिखाई देगा।

उनके हाथ में दिव्य तलवार होगी तथा उनका रंग गोरा होगा और वह पीले वस्त्र धारण करते हुए सफेद घोड़े पर सवार होंगे। कल्कि अवतार को लेकर कुछ मान्यताएं ऐसी भी हैं कि माता काली के पीछे यह घोड़ा जमीन पर आता हुआ दिखाई देगा। जिस दिन वह जमीन पर आ जाएगा वहीं कल्कि  अवतार का सही समय होगा। इन्हें सौ सिख्ख का अवतार भी कहा गया है।

कल्कि अवतार का विवाह (Kalki Avatar Marriage)

कल्कि अवतार का विवाह को लेकर एक रहस्य हैं जब त्रेतायुग में भगवान श्री राम माता सीता की खोज निकले थे। तब उन्होंने समुद्र किनारे एक कन्‍या को देखा जो तपस्या कर रही थी। उस कन्‍या ने भगवान श्री राम से कहा कि मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं। मेरा नाम वैष्णवी हैं तब भगवान श्री राम ने कहा कि मैं इस जन्म में मर्यादा पुरुषोत्तम हूँ और मैं तुमसे विवाह नहीं कर सकता। जब मेरा कलयुग में कल्कि अवतार होगा तब मैं तुमसे विवाह करूंगा ऐसा विष्‍णु पुराण में लिखा गया हैं।

कल्कि अवतार किसका वध करेंगे (Whom Will Kalki Avatar Kill)

एक पौराणिक कथा के अनुसार जब राजा परीक्षित जो द्वापर युग के आखरी राजा थे। उस वक्त कलयुग जो कि एक दानव शक्ति हैं। उन्होंने राजा परीक्षित के स्वर्ण मुकुट में प्रवेश किया था। तब से ही कलयुग की शुरुआत हुई है। कलयुग की शुरुआत स्वर्ण से ही हुई है राजा परीक्षित के स्वर्ण मुकुट से कलयुग अपना प्रकोप फैला रहा है।

इस पौराणिक कथा के आधार पर यह कहा गया है कि कल्कि अवतार “कलयुग” नामक दैव का ही वध करने हेतु अवतरित होंगे। क्योंकि कलयुग नामक दैत्य अपने युग में धर्म को नष्ट करने के लिए यथा संभव प्रयोग करेगा और जो भी धर्म पर चलने वाले लोग हैं उनका विनाश करेगा। इसी पाप का अंत करने के लिए भगवान विष्‍णु कल्कि अवतार लेगें और वर्तमान चक्र को अंत की ओर ले जा कर एक बार फिर से नए युग की शुरुवात करेगें।

नोट : इस पोस्‍ट मे दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्‍यताओं और  जानकारियों पर आधारित हैं। www.narmadanchal.com विश्वसनीयता की पुष्‍टी नहीं करता हैं। किसी भी जानकारी और मान्‍यताओं को मानने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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