- – रात्रि 1 बजकर 5 मिनट मध्य
- – रात्रि 1 बजकर 44 मोक्ष
- – रात्रि 2 बजकर 24 पर होगा पर्वकाल
- -1 घंटे 19 मिनट
नर्मदापुरम। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण का पर्वकाल 1 घंटे 19 मिनट रहेगा। आचार्य पुष्कर परसाई ने बताया कि लोक विजय पंचांग के अनुसार सूतक सांय 4 बजकर 5 मिनट से लगेगा ग्रहण के तीन प्रहर पहले (9 घंटे पहले )सूतक प्रारंभ हो जाता है किंतु बालक, वृद्ध व रोगियों के लिए एक ही प्रहर अर्थात रात्रि 10 बजकर 5 मिनट से मानना चाहिए।
सूतक के समय में भगवान के स्वरूप का स्पर्श भोजन शयन आदि नहीं करना चाहिए। ग्रहण काल में जप, हवन, पूजन, भजन का अनंत गुना फल प्राप्त होता है। इस समय में भगवत भजन करना विशेष फलदायक होता है। सूतक काल में खानपान की चीजों में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए।
इस वर्ष चंद्र ग्रहण
मेष राशि वालों के लिए विशेष अशुभ कारक रहेगा। मकर, वृष व कन्या राशि वालों के लिए अशुभ, धनु ,मीन, सिंह व तुला राशि वालों के लिए मध्यम, वृश्चिक कुंभ, मिथुन व कर्क राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। जिनके लिए ग्रहण अशुभ अथवा मध्यम हो उन्हें ग्रहण नहीं देखना चाहिए। आचार्य पुष्कर परसाई ने बताया कि चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण काल में चंद्रमा की किरणें दूषित हो जाती हैं, अगर ये गर्भवती महिलाओं पर पड़ती हैं तो बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है।
ग्रहण के दौरान महिलाओं को ये सावधानियां रखनी चाहिए
- – गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए, जिससे वो चंद्र के संपर्क में न आएं।
- – गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान पेट पर देशी गाय का गोबर लगाकर रखना चाहिए, इससे बुरी किरणों का असर बच्चे पर नहीं होता।
- – चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी किसी नुकीली वस्तु, कैंची, चाकू सुई आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- – ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, और पंचाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए।