आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की संजीवनी बनेगा प्रदेश का पर्यटन
भोपाल। मध्यप्रदेश को विकासशील राज्य की अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा किया है। उनके प्रयासों और संकल्प से आज पर्यटन क्षेत्र आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की संजीवनी के रूप में उभरा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Cm Shivraj singh Chouhan) और मध्यप्रदेश एक दूसरे के पूरक है। मध्यप्रदेश एडवेंचर टूरिज्म का हॉटस्पॉट (Adventure tourism hotspot) बनके उभरा है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और मनभावन वातावरण अनायास ही ट्रेकिंग, सफारी और कैंपिंग के शौकीनों को आकर्षित करता है। एडवेंचर टूरिज्म की इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने प्रदेशभर में 30 से ज्यादा कैंपिंग साइट विकसित किए गए हैं। पर्यटकों के हॉलिडे को श्एक्टिव हॉलिडेश् में परिवर्तित करते हुए टूर-डे सतपुड़ा, हेरिटेज रन, पचमढ़ी मॉनसून मैराथन जैसे कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की गई है। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (Bandhavgarh National Park) में बैलून सफारी, टाइग्रेस ऑन ट्रेल और भोपाल में प्रदेश के पहले ड्राइव इन सिनेमा की स्थापना आदि प्रमुख नवाचार रहे हैं।
वर्तमान में भी मध्यप्रदेश को ‘365 डेज का टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ (Tourist Destination) बनाने का संकल्प लेकर सतत प्रयास किये जा रहे हैं। वार्षिक आयोजनों की श्रृंखला में 5 जल महोत्सवों और ओरछा महोत्सव का आयोजन किया गया है। वेब सीरीज पंचायत, गुल्लक और धाकड़ के फिल्मांकन से मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसी दिशा में ‘ग्रामीण पर्यटन’ की संकल्पना पर वैल्यू फॉर मनी डेस्टिनेशन के विकास कार्य में स्थानीय लोगों को भागीदार बनाया जाएगा। इससे क्षेत्र विशेष की संस्कृति और धरोहर से पर्यटक परिचित हो सकेंगे।
वैलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म
मध्यप्रदेश को ‘वैलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म’ के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी निरंतर प्रयास जारी है। इसमें पर्यटकों को पर्यटन के साथ योग, ध्यान और नेचुरोपैथी आदि से जोड़ा जाएगा। साथ ही ‘आस-पास टूरिज्म’ की अवधारणा पर पड़ोसी राज्य के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए छोटी अवधि के टूर प्लान बनाए गए हैं। इससे पर्यटक अपने वीकेंड का प्लान मध्यप्रदेश में कर सकेंगे। इन छोटे-छोटे टूरिस्ट पैकेज से मध्यप्रदेश में पर्यटकों का निरंतर आवागमन भी बना रहेगा और इस आवागमन से आस-पास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी।
पर्यटन-संस्कृति का बेजोड़ संगम और मध्यप्रदेप्रदेश में कोरोना संक्रमण से उपजे अवसाद और तनाव के समय में प्रदेशवासियों को राहत देते हुए इस साल पर्यटन विभाग ने उत्सवों का आयोजन किया। इन उत्सवों में पर्यटन और संस्कृति का बेजोड़ संगम देखने को मिला। पर्यटकों ने न सिर्फ स्थान विशेष के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारा बल्कि क्षेत्र विशेष की स्थानीय संस्कृति और खान-पान से भी परिचित हुए। नव वर्ष के शुभारंभ के साथ ही मशहूर प्राचीन शहर मांडू में 13-15 फरवरी को ‘मांडू फेस्टिवल’ और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में 20 -26 फरवरी 2021 तक 47वां खजुराहो नृत्य समारोह किया गया। भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर केन्द्रित देश का शीर्षस्थ समारोह ‘खजुराहो नृत्य समारोह’ राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त है। इसमें देश एवं विश्व के विख्यात कलाकार अपनी नृत्य प्रस्तुतियाँ देते हैं।
इसी तरह प्राचीन शहर मांडू में मांडू फेस्टिवल के दौरान ऐतिहासिक शहर के अनेक रोचक पहलु से पर्यटकों को अवगत कराया गया। उत्सव के दौरान कबीर कैफे, मुक्ति म्यूजिक बैंड और स्थानीय कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रातःकालीन योग सत्र, हेरिटेज वॉक्स, साइकिलिंग टूर, स्टोरी टेलिंग, ट्रेजर हंट, फोटो प्रतियोगिता जैसी रोचक गतिविधियों में हिस्सा लेने के साथ स्थानीय संस्कृति, कला और स्थानीय व्यंजनों के स्वाद से भी पर्यटक परिचित हुए।
प्रयास यह है कि पर्यटकों को कोई असुविधा नहीं हो और वे मध्यप्रदेश से अविस्मरणीय अनुभवों को अपने साथ ले जाए। प्रदेश की संस्कृति भी पर्यटन का प्रमुख आधार है। पर्यटन के साथ-साथ क्षेत्र विशेष की संस्कृति, धरोहरों, परंपराओं, रीति-रिवाजों और खान-पान से भी पर्यटकों को अवगत कराया जा रहा है। मध्य प्रदेश ने न केवल अपने प्राचीन सुंदर रूप को सालों पहले सा बनाए रखा है, बल्कि इस समय के यात्रियों के लिए भी यह एक लुभावना गंतव्य है। पहाड़, जंगल, नदियाँ, समृद्ध विरासत, रोमांचक वन्य-जीवन और सांस्कृतिक विविधता से सजी मध्यप्रदेश की प्राकृतिक रचना, इसे वैभवशाली भूमि बनाती है। इस गौरवशाली और अद्भुत धरोहर और संस्कृति को सहेजने और पर्यटकों के लिए सुलभ बनाने के लिए पर्यटन विभाग सतत प्रयासरत है।