प्रधानमंत्री आवास योजना के 9000 रानी मिस्त्रियाँ प्रशिक्षित

प्रधानमंत्री आवास योजना के 9000 रानी मिस्त्रियाँ प्रशिक्षित

भोपाल। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Consumer Protection Minister Bisahulal Singh) की अध्यक्षता में मंत्रालय में निर्धनों के कल्याण के लिए गठित अंतर्विभागीय मंत्रिसमूह (गरीब कल्याण) समूह द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गई। विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दी जा रही मेसन ट्रेनिंग में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान रहा है। समिति में मंत्रिगण पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया (Rural Development Minister Mahendra Singh Sisodia), नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण एवं राज्य मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास रामखेलावन पटेल, प्रमुख सचिव खाद्य फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण‍विकास उमाकांत उमराव भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री आवास योजना
मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन कार्यों का विभागीय इंजीनियर और अधिकारी मौके पर जाकर कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता का अवलोकन करें। इसके बाद अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को दें। इसके साथ ही प्रथम किश्त के बाद द्वितीय किश्त का भी समय पर भुगतान करें। बैठक में बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत मेसन ट्रेनिंग करवाने में म.प्र. ने अभी तक 51 हजार 128 राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षत किया गया है। इनमें से 9000 रानी मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही 10,000 राज मिस्त्री प्रशिक्षणरत है। इसके अंतर्गत अभी तक 31 हजार 550 मेसन द्वारा सर्टिफिकेशन के लिए परीक्षाएं कराई जा चुकी है। मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि इस योजना के तहत सभी पात्र बेघर और कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को 2022 तक बुनियादी सुविधायुक्त पक्के आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

निर्धन ग्रामीणों के समूह के रूप में बनाया आत्मनिर्भर
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि किस विधानसभा क्षेत्र में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कितने समूह काम कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी जाना चाहिए।बताया गया कि म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत निर्धन ग्रामीण परिवारों की महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। अभी तक 35 लाख 52 हजार परिवारों को जोड़ा गया है। एक समूह में दस से 20 परिवारों को बजट की उपलब्धता के आधार पर जोड़ा जाता है।

मुक्तिधाम तक बनाएं एप्रोच रोड
समूह के सदस्य मंत्री डंग ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत मुख्य मार्ग से मुक्तिधाम तक के लिए एप्रोच रोड बनाई जाना अनिवार्य करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत शहरों की तरह हमारे गाँव व पंचायतों को स्वच्छ रखने के लिए सड़कों के दोनों ओर नालियों का निर्माण भी करें एवं हैण्डपम्प के आस-पास दूषित पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण करें। मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम में मुक्तिधाम, खेल मैदान, स्कूल की बाउण्ड्रीवाल बनवाए जाएंगे। प्रदेश में ग्रामीणों को रोजगार देकर राहत दी गईं। कोविड की दूसरी लहर में 24 लाख तक श्रमिकों को नियोजित किया गया। बताया गया कि मनरेगा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जॉबकार्डधारी परिवारों को अकुशल मजदूरी देने के साथ परिसंपत्तियों का निर्माण कराना भी है।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत होम स्टे का निर्माण
संचालक राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान बी.एस. जामोद ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा 10 पायलेट जिलों की 23 ग्रामों में 780 हितग्राहियों का चयन कर सामुदायिक पर्यटन के क्षेत्र में उनका क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण किया जाना है। इनमें से लगभग 500 हितग्राहियों को तकनीकी सपोर्ट प्रदाय कर कौशल उन्नयन करना है। लगभग 130 होम स्टे का संचालन कर स्थानीय समुदाय को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाये जाने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत 63 चयनित हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसमें 67 होमस्टे के संचालन हेतु हितग्राहियों का चयन कर लिया गया है। इसमें से 18 पूर्ण हो चुके हैं और 25 होम स्टे का कार्य प्रगति पर है।

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