महाकाल के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु, भस्म आरती के लिए मिलेंगी रसीद
mahakaal ke darshan kar paenge shraddhal

महाकाल के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु, भस्म आरती के लिए मिलेंगी रसीद

उज्जैन। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirling) के गर्भगृह में जाकर दर्शन करना अब और भी आसान हो सकता है। श्रृद्धालु आसानी से महाकाल (Mahakal) के दर्शन कर पाएगें। साथ ही भस्मआरती में भी शामिल हो पाएगें। वहीं भस्म आरती में भी तय 1500 श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे। महाकाल के दर्शन भस्म आरती से शुरू होंगे जो रात्रि में शयन आरती के बाद ही बंद होंगे।

गर्भगृह में दर्शन
– गर्भगृह में दर्शन 6 दिसंबर से शुरू किए गए हैं। नि:शुल्क प्रवेश का समय सुबह 6 से 4.30 बजे तक है।
– जब कम भीड़ रहेगी तो सभी श्रद्धालु गर्भगृह में नि:शुल्क जा सकेंगे।
– भीड़ बढऩे पर नि:शुल्क जाने वाले श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया जाएगा। इस दौरान केवल वे श्रद्धालु जा सकेंगे, जो 1500 की रसीद कटाएंगे।
– इसी तरह 1500 की रसीद कटाने वाले श्रद्धालु शाम 4.30 बजे के बाद भी जा सकेंगे।
– ज्योतिर्लिंग पर केवल जल चढ़ा सकेंगे। फूल-पूजन सामग्री प्रतिबंधित रहेगी।
– प्रवेश बंद के दौरान 1500 की रसीद पर 2 श्रद्धालु, लघु रूद्र की रसीद पर 3 और महारूद्र की रसीद पर 5 श्रद्धालुओं को गर्भगृह (Garwagrah) से दर्शन कराए जाएंगे।
– इस दौरान श्रद्धालु केवल जलाभिषेक ही कर सकते हैं। अधिकृत 16 पुजारी व 22 पुरोहित अपने यजमानों के लिए एक दिन में अधिकतम 1500 की 3 रसीदें व लघुरूद्र की 2 रसीदें ही काउंटर से कटवा सकेंगे तथा रसीद कटाने वाले श्रद्धालुओं को अधिकृत पुजारी/पुरोहित व उनके प्रतिनिधि द्वारा परिचय पत्र धारण कर यजमानों को गर्भगृह में प्रवेश कराया जा सकेगा।

पूजन सामग्री ले जाना प्रतिबंधित
मंदिर के गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यदि किया जाना तथा दूध, फूल-प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा इन व्यवस्थाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है तथा अधिकारियों द्वारा प्राप्त निर्देशों के अक्षराक्ष पालन करने का आदेश दिया गया है। सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। संपूर्ण व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिंघी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

भस्म आरती के बारे में
भस्म आरती में एक दिन 1500 दर्शनार्थियों को अनुमति दी जाती है। इसमें शामिल होने के लिए चार तरह से प्रवेश की अनुमति है। ऑनलाइन, टिकट काउंटर पर, वीआईपी-प्रोटोकॉल और तत्काल। सभी के लिये नियम तय होगें। ऑनलाइन महाकाल मंदिर की अधिकृत वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in  पर जाकर भस्म आरती की बुकिंग कर सकते हैं। यहां आधार कार्ड अथवा अन्य परिचय पत्र देकर अनुमति ले सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से एक दिन की 500 अनुमति दी जाती है। यहां बुकिंग आने वाले कई दिनों की पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दी जाती है।

तत्काल 
प्रोटोकॉल, ऑनलाइन, टिकट काउंटर और पुजारी-पुरोहितों के माध्यम से दिये जाने वाले टिकट में यदि कोई जगह बचती है तो तत्काल के माध्यम से बुकिंग की अनुमति दी जाती है। यह रोजाना शाम 7 बजे टिकट काउंटर से लिये जा सकेंगे। इसमें कोटा फिक्स नहीं है।

अनुमति के लिए ये हैं नियम –
पुजारी-पुरोहितों और प्रोटोकॉल के माध्यम से भस्म आरती में शामिल होने के लिए अनुमति की जरुरत होगी।
इसके लिए सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिंगी सभी दस्तावेज व पहचान पत्र जांचने के बाद अनुमति देंगी तो ही टिकट मिल सकेगा।
पुजारी-पुरोहित – इनके माध्यम से भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के आवेदनों की जांच व पुष्टि सहायक प्रशासक आरके तिवारी करेंगे। इसके बाद ही रसीद कटाने की अनुमति मिलेगी।

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