इटारसी। महाराष्ट्र के राज्य मंत्री और किसान नेता बच्चू भाऊ कडु की अगुवाई में सैकड़ों किसान रविवार सुबह बैतूल से दिल्ली के लिए निकले। यह किसान (Kisan) दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में शामिल होंगे। महाराष्ट्र के किसानों का यह दल शनिवार शाम को ही बैतूल पहुंच गया था। आज इटारसी में जमानी रोड पर ये लोग एक स्थान पर रुके और यहां उन्होंने भोजन भी किया। इस दौरान पुलिस ने जाकर इनसे मुलाकात भी की।
बैतूल में रात्रि विश्राम के बाद दिल्ली जा रहे किसानों ने सुबह बाबा साहेब आंबेडकर (Baba Saheb Ambedkar) और छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद सभी किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। किसानों का यह काफिला इटारसी के बाद भोपाल में रात्रि विश्राम करेगा और फिर आगे रवाना होगा। महाराष्ट्र के अमरावती जिले के करीब 300 किसान महाराष्ट्र के राज्य मंत्री और किसान नेता बच्चू भाऊ कडु के नेतृत्व में दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं। किसानों का यह दल 10 दिसंबर को दिल्ली पहुंचेगा।
सेवक बनकर आओ प्रधानमंत्री नहीं : कडू
दिल्ली रवाना होने से पहले राज्यमंत्री और किसान नेता श्री कडू ने बैतूल में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हमने बाबा साहेब आंबेडकर, रानी दुर्गावती और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया है जो महापुरुष थे। उन्होंने आखरी दम तक आम लोगों की बात रखी। वे राजा थे, लेकिन जनता के साथ थे। ऐसे मौके पर हम मोदी जी से आशा करते हैं कि आप भी सेवक बनकर आओ, प्रधानमंत्री बनकर मत आना। किसानों के साथ सेवक बनकर आओ, तब जाकर हल निकलेगा।
बैतूल में किया रात्रि विश्राम
किसानों का यह दल शनिवार रात को मध्यप्रदेश की सीमा में दाखिल हो चुके थे। इन किसानों ने बैतूल शहर से 7 किलोमीटर दूर कांग्रेस विधायक निलय डागा के वेयर हाउस में रात्रि विश्राम किया। महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मोजरी से यह किसान रैली शरू हुई है। यह किसान डेढ़ सौ किलोमीटर बाइक से चलकर बैतूल पहुंचे। सैकड़ों किसानों के साथ राज्यमंत्री श्री कडू खुद भी बाइक चलाकर यहां आए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसानों का कई दिनों से आंदोलन चल रहा है, लेकिन मोदी सरकार बात सुनने को तैयार नहीं है। मोदी सरकार को बताना चाहिए कि कृषि कानून से किसानों को क्या फायदा होने वाला है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसानों के साथ नमक हरामी नहीं करूंगा। लेकिन अब केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नजर अंदाज कर रही है। अभी हम दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं ताकि वहां सब बंदोबस्त कर सकें। हमारे पीछे 10 दिसंबर तक 5 से 6 हजार किसान महाराष्ट्र से दिल्ली पहुंचने की तैयारी में हैं। किसानों की मांगें पूरी नहीं होतीं तो महाराष्ट्र के किसान भी दिल्ली में डटे रहेंगे।