सिवनी मालवा। माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा बच्छा बारस की पूजा संपत सारडा के निवास पर संपन्न की। यह पूजा महिलाओं द्वारा भादो मास की द्वादशी पर की जाती है। महिलाओं ने गाय बछड़े की पूजा की। भैंस के गोबर का ओबड़ा बनाकर उसमें जल, दूध, दही डालकर पूजा की। इस पर्व पर पतवारीजी की पूजा होती है, सभी माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए यह पूजा करती हैं। महिलाओं द्वारा इस दिन ज्वार, बाजरा, चना, मोट खाया जाता है। गेहूं का उपयोग नहीं किया जाता है।
इस दिन चाकू कैंची का उपयोग नहीं किया जाता है। बेटे की मां ओबडे की पूजा कर बंसराज हंसराज की कहानी कहती हैं। तत्पश्चात बेटे की मां अपने पुत्र को आवाज देकर बुलाती हैं, पुत्र द्वारा गोबर से बने ओबडे को उंगली से चीरकर लड्डू उठाया जाता है। इस दौरान महिलाओं ने छोटी-छोटी गईया छोटे छोटे ग्वाल जैसे भजनों की प्रस्तुति दी।
गौ माता की आरती उतार कर गौवंश के संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर नीरू राठी, रामकुवर बाई, प्रेमलता तोषनीवाल, शीला सारडा, शीला खडलोया, बर्षा सारडा, उषा सारडा, अनुपमा तोषनीवाल, सुनीता तोषनीवाल, श्वेता खडलोया, पूजा खडलोया, पुनीता सारडा, नीतिका सारडा, खुशबू सारडा, प्रियंका सारडा, अर्ची सारडा सहित महिलाएं उपस्थित थीं।