- – भाजपा जिला कार्यालय में भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने आयोजित की पत्रकार वार्ता
नर्मदापुरम। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल सरकार की ओर से वर्ष 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले ने ओबीसी के तहत मुसलमानों को दिये आरक्षण को भी रद्द कर दिया। संविधान में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जायेगा। इस फैसले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो विवादित बयान दिया है उसमें कहा है कि हम हाईकोर्ट के निर्णय को नही मानेंगे।
भाजपा जिला कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष जय किशोर चौधरी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस तरह के बयान देकर ममता बनर्जी ने देश की न्याय पालिका पर उंगली उठाते हुए संविधान को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। बार-बार संविधान दुहाई देने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री न्यायालय के इस आदेश को न मानने से प्रदेश में अराजकता फैलाने का कार्य कर रही है। न्याय पालिका को प्रभावित करने के लिए और एक विशेष वर्ग को आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिये ममता सरकार ने 2011 में 17 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण चल रहा था उसमें 35 जातियां और जोडऩे का आदेश निकाला जिसमें से 33 जातियां मुस्लिम थीं और इस आदेश से एक विशेष वर्ग को लाभ पहुंचाने का कुत्सित प्रयासों को न्याय पालिका ने रोक दिया है।
इस पर ममता बनर्जी न्याय पालिका पर ही उंगली उठा रही हैं जो कि निन्दनीय है। सत्ता के लालच में मानसिक दिवालियापन का परिचय देते हुए ममता बनर्जी और उनकी सरकार के मंत्री तुष्टिकरण की राजनीति का लाभ लेने के लिए इस तरह के बयान जारी करते हैं, जिससे हमारे देश की धर्म संस्कृति और परंपरा को आघात पहुंचता है। रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ किसी भी राजनीतिक दल के लिए नहीं बल्कि देश में मानव सेवा, संस्कृति रक्षा सनातन धर्म के प्रचार प्रसार हेतु काम करती हैं इसी वजह से अकेले भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में इन संस्थानों को जाना जाता है। इन पर टिप्पणी करने से पहले ममता को यहां आकर उनकी भलाई के कामों का अध्ययन करना चाहिए। बीजेपी की लहर और हर चरण में मिल रही सफलता से खीझकर विरोधी दल ऊल-जलूल बयान देकर अपनी हार का संकेत देते साफ नजर आ रहे हैं।
सत्ता संभालते हुए ममता बनर्जी ने वोट बैंक की राजनीति करते हुए बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को ओबीसी प्रमाण पत्र बनाकर दिये धर्म के आधार पर असंवैधानिक आरक्षण देने वाली ममता बनर्जी को एक दिन भी मुख्य मंत्री पद पर रहना का अधिकार नहीं है। पत्रकार वार्ता में जिला उपाध्यक्ष अनिल बुंदेला, जिला मीडिया प्रभारी अमित महाला, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सुधीर पटेल, विधायक प्रतिनिधि महेंद्र यादव, जिला कार्यालय मंत्री प्रशांत दीक्षित, भाजपा नगरमंत्री मनीष परदेशी, पिछड़ा वर्ग कार्यालय मंत्री देवू यादव, पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष सुमित गौर, श्यामू पटेल उपस्थित थे।