मनुष्य अपने ही बुरे कर्मों काफल भोगता है : तिवारी

मनुष्य अपने ही बुरे कर्मों काफल भोगता है : तिवारी

इटारसी। संसार में ईश्वर कभी किसी का बुरा नहीं करता मनुष्य अपने ही बुरे कर्मों का फल भोगता है। उक्त उद्गार संत भक्त पंडित भगवती प्रसाद तिवारी ने तवा तट ग्राम सोनतलाई में व्यक्त किए।
श्रीमद् भागवत कथा समारोह में पं. भगवती प्रसाद तिवारी (Pt. Bhagwati Prasad Tiwari) ने श्रोताओं के अपार समूह के समक्ष भगवान श्री कृष्ण की महारास लीला कंस वध जरासंध से युद्ध द्वारकापुरी का निर्माण का वर्णन करने के साथ ही कथा के अंतिम शहर में रुकमणी विवाह प्रसंग का सांसारिक वर्णन करते हुए कहा कि लीला पुरुषोत्तम श्री कृष्ण की वैवाहिक लीला भी हमें नारी कल्याण के साथ ही बार वधू की आपसी सहमति एवं सादगी पूर्ण विवाह का सकारात्मक संदेश प्रधान करती है। उपरोक्त ज्ञानपुर प्रसंग के साथ ही श्री कृष्ण रुकमणी विवाह की सुंदर झांकी सजाई गई और मधुर भजनों की सुमधुर प्रस्तुति प्रधान की गई। मुख्य यजवान अशोक कुमार यादव (Ashok Kumar Yadav) ने समस्त श्रोताओं एवं ग्रामवासियों की ओर से पंडित भगवत प्रसाद तिवारी का स्वागत किया। कथा का समापन गुरुवार को पूर्णाहुति महाआरती एवं भंडारे के साथ किया जाएगा।

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AUTHORRohit

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