इटारसी। मानसरोवर साहित्य समिति (Mansarovar Sahitya Samiti) के तत्वावधान में स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) के महानायक चन्द्रशेखर आजाद (Mahanayak Chandrashekhar Azad) की जयंती के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
ईश्वर सभागार (Ishwar Auditorium) में कवि गुलाब भूमरकर के संयोजन में गोष्ठी को परंपरागत पावस गीत बहार के रूप में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि टीआर चौलकर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं साहित्यकार मोहन झलिया उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में मानसरोवर साहित्य समिति के अध्यक्ष राजेश दुबे उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती (Maa Saraswati) एवं चन्द्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) के तेल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर की गई। गोष्ठी का शुभारंभ कवि गुलाब भूमरकर ने सरस्वती वंदना से किया।
इस गरिमामय परम्परागत काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ गीतकार रामकिशोर नाविक, राधा मैना प्रिया, प्रमिला किरण, बड़कुर तन्हाई , तरुण तिवारी तरु, गज़़लकार सतीश शमी, मोहम्मद अफाक, ब्रजमोहन सिंह सोलंकी, विनय चौरे, प्रवीण कुमार शर्मा, हनीफ खान, सुनील जनोरिया, पवन सराठे, सतीश पाराशर, नर्मदा प्रसाद मालवीय, राजेन्द्र रावत, डॉ आजाद सिंह, अशोक परसाई, पवन पाटिल, कमलेश भूमरकर, विजय गुजरे, रवि मेहरा सहित अनेक कवि एवं साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुशवाहा ने एवं आभार प्रदर्शन बृजमोहन सिंह सोलंकी ने किया।
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मानसरोवर साहित्य समिति ने किया पावस गीत बहार का आयोजन


Rohit Nage
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