बाजरा का बाजार और सारिका का बाजराग

Post by: Rohit Nage

  • विज्ञान विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने जारी किया सारिका का बाजराग
  • सप्ताह में एक दिन बाजरा व्यंजन का लें स्वाद, बाजरा बने प्रतिष्ठा प्रतीक

इटारसी। बाजरा एवं अन्य मोटे अनाज भारत की पहचान रहे हैं। इनकी पौष्टिकता एवं स्वास्थ्य गुणवत्ता को देखते हुये इसे युवाओं के बीच पहुचाने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बाजराग नाम से गीत संग्रह तैयार किया है।
इसे मध्यप्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रमुख सचिव निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जारी किया। इस अवसर पर निकुंज श्रीवास्तव ने कहा कि संयक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष का निर्णय भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है। बाजरा स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सारिका ने बताया कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाजरे के महत्व की चर्चा की है। सारिका ने कहा कि बाजरा एवं कोदो कुटकी, रागी आदि को नाश्ते, भोजन एवं विवाह समारोह, पार्टियों में पकवान के रूप में पकाने के लिये इसे बड़े लोगों के साथ अन्य वर्ग को आगे आना होगा।

इसके साथ ही मध्यान भोजन, शासकीय सेमिनारों आदि के भोजन में भी इसे शामिल किया जाकर इसके स्वाद एवं पौष्टिकता से नई पीढ़ी को परिचित कराने के प्रयास बढ़ाये जाने चाहिये। सप्ताह में कम से कम एक दिन बाजरा के व्यंजन को अपने भोजन में शामिल करने की आदत डालने की जरूरत है। इसमें आयरन एवं अन्य खनिज, लवण प्रचुरता से हैं। यह अनेक रोगों से बचाव में शरीर को तैयार करता है।

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