इटारसी। वृंदावन गार्डन के सभागृह में श्रीमद् भागवत कथा में स्वामी विश्व स्वरूपानंद ने कहा कि श्री कृष्ण की बाल लीलाएं आत्मज्ञान प्रदान करती हैं। कर्मयोगी भगवान श्री कृष्णा का द्वापर अवतार लीला पुरुषोत्तम के रूप में हुआ है। इस युग में उनकी सभी लीलाएं संसार में आए हुए प्रत्येक जन को आत्मज्ञान प्रदान करती है।
प्रभु श्री कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं में भी संसार को अनेक प्रकार के ज्ञान और अधिकार प्रदान किए हैं। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के अनुयाई ब्रह्मलीन महंत श्री सुंदर गिरी महाराज की पावन स्मृति में शंकराचार्य समुदाय द्वारा आयोजित संगीत में श्रीमद् भागवत कथा समारोह के पांचवें दिवस में स्वामी विश्व स्वरूपानंद ने कहा कि परमात्मा ने अपने इस लीला अवतार में हम सब जन को यह बताया है कि हमें अपने मानव मूल्यों को किस प्रकार अपने जीवन शैली में उतारना है। श्री कृष्ण ने गोचारण माखनचोर सहित बाल गोपालो के साथ जो लीला की है वह आध्यात्मिक मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मज्ञान प्रदान करती है और भी अनेक प्रसंग स्वामी जी ने संगीत मय स्वरूप में प्रस्तुत किये।
पांचवें दिवस की कथा में विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा एवं दशनाम गोस्वामी समाज युवा संगठन के कन्हैया गोस्वामी, मिथिलेश गोस्वामी, दिलीप गोस्वामी, राजेंद्र गोस्वामी ने प्रवचनकर्ता स्वामी विश्व स्वरूपानंद के साथ ही शिव शंकरानंद गिरी, सदानंद गिरी महाराज का भी प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया। इस अवसर पर कथा समारोह के मुख्य यजवान श्याम गिरी ने विधायक डॉक्टर शर्मा का सम्मान किया।