मप्र शासन को नहीं लगती जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत
विधानसभा सचिवालय ने विधायक के पत्र में दिया जवाब
इटारसी। मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने संबंधी पत्र के जवाब में विधानसभा सचिवालय ने लिखा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रदेश में अन्य योजनाएं चलने के कारण इसकी आवश्यकता नहीं है। अवर सचिव मुकेश मिश्रा के पत्र में उल्लेख किया है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण संबंधी केन्द्रीय और राज्य स्तरीय शासन की योजनाएं चालू होने के कारण पृथक से जनसंख्या नियंत्रण संबंधी विधेयक की आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने मप्र के गृह, विधि एवं विधायी विभाग के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को जनसंख नियंत्रण कानून का प्रारूप तैयार करने संबंधी पत्र लिखा था। उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि मप्र में बढ़ती जनसंख्या पर प्रभावी कानून के अभाव में बढ़ती बेरोजगारी, पर्याप्त आवासों की कमी, अतिक्रमण, सड़क, रेलगाड़ी से आवागमन के सार्वजनिक साधन की अनुपलब्धता, कृषि भूमि कम होना सहित अनेक समस्याओं का निराकरण सरकार और प्रशासन नहीं कर पा रहे हैं।
ये दिये थे सुझाव
अपने पत्र में विधायक डॉ. शर्मा ने लिखा था कि जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण हेतु एक नियत तिथि के बाद दो से अधिक बच्चों वाले पालक को शासकीय, अर्धशासकीय संस्था में नौकरी पर रोक, शासकीय ठेके पर रोक, विधायक, सांसद, नगरीय निकाय, पंचायत निकाय, सहकारिता, मंडी सहित अन्य चुनाव लडऩे पर रोक, राष्ट्रीयकृत बैंकों से शिक्षा, कृषि ऋण सहित अन्य ऋणों पर रोक या बढ़ी दर पर देने, सभी प्रकार के आरक्षण एवं उससे जुड़ी सुविधाओं पर रोक, सभी प्रकार की सरकारी सहायता, सुविधाओं, अनुदान यथा आवास योजना, परिवार सहायता, आयुष्मान सहित अन्य योजना पर रोक, मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल में किसी भी पद, दायित्व से वंचित करने जैसे प्रावधान होने चाहिए।