हैंडपंप में कीचड़ युक्त पानी, बीमारी फैलने की आशंका
पांच दिन से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं तवा किनारे के लोग
तवानगर/इटारसी। पांच दिन से तवानगर (Tawanagar) में पीने के पानी का संकट है। यहां बड़े कुए और एक नलकूप की बिजली बिल जमा नहीं होने से बिजली विभाग ने काट दी है, तभी से तवानगर में पेयजल का संकट बन गया है। नलकूप (Tubewell) और कुए के अलावा यहां हैंडपंप (Handpump) पानी के स्रोत हैं, लेकिन बारिश के इन दिनों में इनमें से पीला पानी निकल रहा है जो पीने के काबिल नहीं है। कुए का पानी भी बरसाती होने से लोग बीमारियों की आशंका के चलते पीने के उपयोग में नहीं ला रहे हैं।
बीते पांच दिन से तवानगर की बड़ी आबादी पीने के पानी को तरस रही है। जहां बांध (Dam) से बड़ी मात्रा में पानी तवा नदी (Tawa River) में बहाया जा रहा है, तो वहीं इसके किनारे रहने वाले तवानगर कस्बे में ग्राम पंचायत की लापरवाही से पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। तवानगर के निवासी अधिवक्ता भूपेश साहू और अन्य नागरिक बताते हैं कि विगत तीन माह से बिजली का बिल जमा नहीं हुआ है। जब बिल पचास हजार रुपए से ऊपर आता था, तब और अब बीस हजार से कम आ रहा है, तब भी बिल जमा नहीं किया जाना घोर लापरवाही को उजागर करता है।
आचार संहिता की आड़
तवानगर (ग्राम पंचायत रानीपुर) के सचिव (Secretary) हरिकेश मरकाम का कहना है कि आचार संहिता (Code of Conduct) के कारण राशि आहरण नहीं हो सका। राशि आहरण के लिए सरपंच के हस्ताक्षर भी लगते हैं। हाल ही में चुनाव के बाद अभी नवनिर्वाचित सरपंच ने चार्ज (Charge) नहीं लिया है। इसी कारण बिजली बिल के लिए राशि का आहरण नहीं हो सका। इधर पीसीओ ( PCO) के पास पॉवर (Power) होने के बावजूद वे राशि का आहरण नहीं कर रहे। तवानगर के लोगों का कहना है कि उनसे बात की तो बोले, अब नये सरपंच को चार्ज लेने दो वही आहरण कर लेंगे। यानी, तब तक और यहां के लोगों को पेयजल का संकट झेलना पड़ेगा, क्योंकि ग्राम पंचायत का पहला सम्मिलन 2 अगस्त को है और इसमें अभी दस दिन का वक्त है।
- प्रशासन के नाम पाती
हम सभी तवानगर पंचायत के वासी तवानगर पंचायत में सचिव की लापरवाही से विगत पांच दिनों से पीने के शुद्ध पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं, क्योंकि पंचायत सचिव हरिकेश मरकाम ने विगत तीन-चार महीनों से बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया है। जबकि तवानगर पंचायत की जनता प्रतिमाह 100 रुपए जलकर जमा कर रही है। इस हिसाब से करीब 50से 60 हजार रुपए प्रति माह जमा हो रहा है और बिजली बिल प्रति माह लगभग 15-20 हजार रुपए आता है। पंचायत सचिव हरिकेश मरकाम आचार संहिता लागू होने वाली बात करके बिल जमा नहीं कर रहे हैं। साहब आचार संहिता में पानी का बिल जमा नहीं हो सकता, चाहे गांव की जनता दूषित पानी पीकर बीमार हो जाये। हमारा निवेदन है कि तत्काल प्रभाव से तवानगर पंचायत की कटी पानी की बिजली जुड़वाने का कष्ट करें, हम आपके बहुत आभारी रहेंगे।
- इनका कहना है…
ग्राम पंचायत की लापरवाही से हमें विगत पांच दिन से पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। यह पहली बार नहीं है, यहां के लोगों के साथ हमेशा ऐसा ही बर्ताव किया जाता है।
भूपेश साहू, अधिवक्ता एवं अध्यक्ष ग्राम अंत्योदय समिति ग्राम पंचायत रानीपुर
ग्राम पंचायत की लापरवाही से हमेशा ही ऐसी स्थिति निर्मित होती है। यहां के निवासी पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरह रहे हैं, और अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है।
विनोद केवट, स्थानीय निवासी
तवानगर के लोगों के समक्ष पीने के पानी की समस्या विगत कई वर्षों से होती रही है, इसके स्थायी समाधान के लिए कभी भी किसी अधिकारी ने प्रयास नहीं किये, यहां के नागरिकों के साथ ऐसा बर्ताव ठीक नहीं।
मुरारीलाल रघुवंशी, स्थानीय नागरिक
तवानगर की पेयजल संबंधी समस्या के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को प्रयास करने चाहिए। स्थानीय अधिकारियों ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
राजेन्द्र बाजपेयी, स्थानीय निवासी