इटारसी। नगर पालिका परिषद का सम्मेलन कल 27 फरवरी को है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों कल की तैयारी कर रहे हैं, विपक्ष कांग्रेस के पार्षद दल की बैठक आज शाम को 4 बजे पुरानी इटारसी में है, जहां कांग्रेस अपने पार्षदों को कल की बैठक में सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति बनाकर तैयार करेगी। हालांकि ऐसी बैठकें पहले भी हुईं, लेकिन पूर्व की तैयारी बैठक में कांग्रेस के पार्षदों की चुप्पी के साथ ही खामोश हो जाती है। कल की बैठक में सत्तापक्ष के ही कुछ पार्षदों का मुखर विरोध देखने को मिल सकता है। हालांकि सत्तापक्ष इस बात से संतुष्ट है कि वे नाराज पार्षदों की नाराजी दूर करके शांत कर लेंगे।
सोशल मीडिया पर सत्तापक्ष के पार्षदों का विरोध, यही तक होकर और कुछ जीबी डाटा खर्च करने के साथ ही समाप्त हो जाएगा, ऐसी मान्यता है। पक्षीय पार्षदों का विरोध भी अपनी परिषद से नहीं बल्कि अफसरशाही से है। सत्ताधारी पार्षद अध्यक्ष या परिषद के विरोध में कभी मुखर नहीं हुए बल्कि उनका लक्ष्य सीएमओ का पद होता है। हालांकि निशाना भले ही अपनी परिषद हो, लेकिन कांधा सीएमओ का इस्तेमाल करने का दिखावा हो सकता है। आज भी सुबह से सोशल मीडिया पर वीरता दिखाई जा रही है, कल संभवत: यह विरोध वीरगति को प्राप्त हो जाए, क्योंकि सत्ता के साथ एक बड़ा आशीर्वाद है, जहां विरोध करने वाले पार्षदों को भी अंतत: नतमस्तक हो ही जाना है।
जलकार्य समिति की सभापति गीता देवेन्द्र पटेल का सीएमओ को खत इस समय सुर्खियों में है। उन्होंने इटारसी नगर पालिका में पदस्थ सीएमओ की कार्यप्रणाली को लचर बताते हुए भाजपा शासित नगर पालिका के सभापति एवं पार्षदों को प्रताड़ित होने की बात कही है। उनका कहना है कि इससे सत्ताधारी दल की दुर्गति हो रही है। शहर में काम नहीं हो रहे हैं, गरीबों को परेशान किया जा रहा है।
पत्र में ये मांगी है जानकारी
जलकार्य समिति के सभापति का जलसंकट के लिए जानकारी मांगना, बेहद गंभीर मसला है। जाहिर है, यह बताने का प्रयास किया है कि अफसरशाही बेलगाम है और स्वयं विभाग के सभापति को ही जल कार्य की व्यवस्थाओं की जानकारी नहीं है। अपने पत्र में उनका सवाल है कि ग्रीष्म काल में विभिन्न वार्डों में एवं शहर में पानी का संकट से निपटने क्या कार्य योजना बनायी है? विधायक द्वारा जल बचाव अभियान में वाटर हार्वेस्टिंग शहर में कहा-कहां हुई है, प्रगति की रिपोर्टएवं ग्रीष्म कालीन संकट से निपटने के लिए शासन द्वारा कोई गाइडलाइन आई हो जिससे पानी की समस्या का समाधान किया जा सके उसकी जानकारी दें। ये सवाल बताते हैं कि विभागीय सभापति को तक अपने विभाग की जानकारी नहीं है।
आगे और भी हैं सवाल
इसी तरह से पत्र में जल आवर्धन योजना एवं अमृत योजना, अमृत 2.0 के तहत क्या-क्या कार्य किये, कौन से कार्य अपूर्ण हंै, पुरानी इटारसी में जल संकट दूर करने को क्या उपाय किये, सूखा सरोवर में पानी की टंकी में पानी से कितनी जगह पानी की सप्लाई चालू की गई और क्या पानी टैंकरों द्वारा ही आज भी दिया जा रहा है और ग्रीष्म कालीन समय में भी टैंकरों द्वारा ही जनता को पानी की सप्लाई की जाएगी, सांसद विधायक निधि से वर्ष 2022-23 वर्ष 2023-24 व 2024-25 में कितने ट्यूबवेल खनन कराये गये हैं और कितने शेष हैं , शहर के सभी वार्डो में ऑपरेटर द्वारा पार्षद से संपर्क करके कार्य को पूर्ण नहीं किया जाता है, जिसकी शिकायत पार्षदों द्वारा अध्यक्ष जी एवं आपको भी दी जाती है। कृपया पार्षदों की शिकायतों के निराकरण के लिए क्या व्यवस्था की गई है, नगर पालिका परिषद का कार्यकाल दिवस से 30 जनवरी 2025 तक जल विभाग में कौन-कौन से कार्य किये गये हंै, कितनी पाईप लाइन वार्डों में बिछायी गई है, एवं पूर्ण जल विभाग द्वारा सभी योजनाओं के अंतर्गत किये गये कार्यों में कितनी राशि का कार्य किया है और कितनी राशि का कार्य बाकी है एवं समस्त कार्यों पर आज तक कितनी राशि व्यय की गई है? होली पर्व पर शहर में 14 मार्च से 20 मार्च तक दोनों समय पानी की व्यवस्था की जाए।
एक और सभापति के पति एक्टिव
नगर पालिका में एक और सभापति अमृता ठाकुर के पति मनीष सिंह ठाकुर सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और जब-तब नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहते हैं। उन्होंने फिर अजब शहर की गजब है, नगर पालिका प्रशासन शीर्षक से सवाल किया है। उनका यह कहना है कि परिषद के पार्षदों एवं सभापतियों को रखा ताक पर रखकर मनमर्जी से चल रही हैं नगर पालिका। नगर पालिका परिषद की सभापति अमृता मनीष ठाकुर ने साल भर से अवैध होडिंग को लेकर नियमित नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखे हैं, किंतु नगर पालिका प्रशासन ने होर्डिंग ठेकेदार पर मेहरबान है। रेलवे स्टेशन की खूबसूरती दिखे इसलिए रेलवे स्टेशन पर होडिंग हटाने निवेदन किया था किंतु पत्र के दो दिन बाद ही पांच अवैध होल्डिंग और लग गए गजब है। सभापति के पति के मन की टीस सोशल मीडिया पर सत्तापक्ष की किरकिरी कर रहे हैं।
पुराने कांग्रेसी और पूर्व पार्षद अनिल झा सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि सत्ता पक्ष का आश्चर्यजनक आलेख। जो समस्याएं दूर कर सकते हैं, सार्वजनिक प्लेटफार्म पर खुद को समस्या ग्रसित बता रहे हैं, जिन्हें कार्य निष्पादन की शक्ति है, वहीं निर्बलता प्रदर्शित कर रहे हैं। यह कटाक्ष गहरा और चुभने वाला है। लेकिन देखना है कि यह कटाक्ष चुभेगा या फिर ठिठोली में टाल दिया जाएगा।
किराया वृद्धि पर हो सकता है तीखा विरोध
नगरपालिका परिषद का सम्मेलन कल 27 फरवरी को नगरपालिका सभागार में होना है। सम्मेलन में दुकान किराया वृद्धि के मामले में विपक्ष का तीखा विरोध सामने आ सकता है। इसके अलावाबैल बाजार के पास नया नगरपालिका भवन निर्माण, अवैध होर्डिंग्स सहित अनेक मुद्दे हैं। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शिवाकांत पांडेय ने भी सोशल मीडिया पर कांग्रेस के इरादे जाहिर किये हैं। उनका कहना है कि नगर पालिका की मनमानी के चलते शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। कांग्रेसी पार्षद हर अवसर पर नपा की गलत नीतियों/गतिविधियों का पुरजोर विरोध करते हैं, सभी पार्षद एकजुट हैं। समय-समय पर पार्षदों को परिषद में अपनी बात प्रमुखता से रखने के निर्देश दिए जाते हैं, पूर्व निर्धारित पार्षद दल की बैठक भी आज बुलाई गई है।
बहरहाल, कांग्रेस नगर पालिका में मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन उसकी उपस्थिति पिछली कई बैठकों में दिखाई नहीं दी। पार्टी के पार्षद बैठकों में शामिल तो होते हैं, लेकिन ज्यादातर की स्थिति ऐसी लगती है, जैसे वे सत्तापक्ष के सामने नतमस्तक हैं। दबी जुबान से कुछ तो यह भी कहते हैं कि अपने वार्ड में काम कराना है तो चुपचाप रहना ही उनके लिए फायदेमंद होगा। ऐसे में कांग्रेस संगठन विरोध के गुब्बारे में कितनी हवा भरेगा, यह कल की बैठक में ही पता चल सकेगा। फिलहाल, कल का ही इंतजार करना होगा।