नागपंचमी : सावधान, कहीं आपसे न हो जाए ये पाप

नागपंचमी : सावधान, कहीं आपसे न हो जाए ये पाप

इटारसी। बाजार (Nag) में नाग लेकर दुकानदारों से पैसे उगाही का खेल जारी है। नाग पकडऩे और उनका खेल दिखाने पर प्रतिबंध के बावजूद ऐसे सपेरों की कमी नहीं है, जो इन प्रतिबंधों को धता बताकर सरेआम नाग लेकर घरों-घर जाकर पैसा मांग रहे हैं। आज सुबह से ऐसे आधा दर्जन के करीब सपेरे बाजार और लियों में घूमते दिखाई दिये। हालांकि वन विभाग (Forest Department) की टीम भी ऐसे सपेरों की तलाश में घूम रही है, ऐसा बताया जा रहा है। ये सपेरे इस टीम से बचकर गलियों में घूम रहे हैं।
नागपंचमी पर पहले सपेरों की टोली घूमा करती थी, जब से वन विभाग की टीम (Team) इनकी धरपकड़ करने लगी, ये अकेले-अकेले लुक-छिपकर घूमने लगे हैं। नगर के सर्पमित्र अभिजीत यादव (Sarpamitra Abhijit Yadav) बताते हैं कि नागपंचमी (Nagpanchami) पर पूजा के नाम पर सांपों को प्रताडऩा से बचाया जाना चाहिए। उन्होंने धर्म के नाम पर नागों की पूजा करने वालों से अनुरोध किया है कि वे इन सपेरों को बढ़ावा न दें। नाग कभी दूध नहीं पीते हैं, बल्कि इनका आहार चूहे, मेंढक आदि कीट होते हैं।

हम पाप के भागी न बनें

दरअसल, जो सपेरे आपके घर नाग लेकर आते हैं, वे इससे पहले इनको काफी प्रताडि़त करते हैं। ये सपेरे नाग को महीनों पहले से पकड़ लेते हैं और उनकी जहर वाली ग्रंथी, बड़ी ही क्रूरता से निकाल देते हैं। इससे कोबरा सांप जहर नहीं बना पाता। सांप 1972 वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट (1972 Wildlife Protection Act) के तहत संरक्षित जीव (Protected Fauna) है। सर्प विशेषज्ञ अभिजीत यादव बताते हैं कि सपेरे नाग पंचमी से पहले कोबरा सांपों को पकड़कर उनके दांत और विषग्रंथी निकाल देते हैं। इससे सांप के मुंह में घाव हो जाता है। सपेरे सांप को करीब 15 दिन तक भूखा रखते हैं। नागपंचमी को घूम-घूमकर इसे दूध पिलाते हैं। भूखा सांप दूध को पानी समझकर पीता है। दूध से पहले से बने घाव में मवाद बन जाता है और पंद्रह दिन में उसकी मौत हो जाती है।

नाग दूध नहीं पीता

हमारे देश में नागपंचमी पर नाग को दूध पिलाने का रिवाज पुरातन काल से चला आ रहा है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नाग के लिए यही दूध जहर बन जाता है। अब इस परंपरा को रोकने वन विभाग का अमला अभियान चलाने लगा है। जो भी सपेरा नाग लेकर घूमता है, उसे पकड़ कर सांप को छुड़ाया जाता है।

  • इनका कहना है…
    हमारी टीम घूम रही है, गांव में सपेरों ने रुख कर लिया है, इसलिए टीम भी गांव और शहर दोनों जगह सपेरों की तलाश करती है।
    जयदीप शर्मा, रेंजर
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AUTHORRohit

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