नर्मदापुरम। शुगर की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखकर नर्मदा परिवार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज के कारण व निवारण के बारे विस्तार से बताया गयां इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि डिप्टी कमिश्नर गणेश जायसवाल, नर्मदा ट्रामा सेंटर भोपाल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख एवं डायबिटीज विशेषज्ञ डा. अनुव्रत भटनागर, नर्मदा इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग साइंसेज कालेज की प्रिंसिपल स्नेहा गावंडे ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
डिप्टी कमिश्नर ने इस प्रयास की तारीफ करते हुए कहा कि गर्भवती माताओं को अगर शुगर की बीमारी हो जाए तो यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। नर्मदा परिवार का यह प्रयास सराहनीय है, जिसमे आशा कार्यकर्ताओं को गेसचेशनल डायबिटीज (गर्भावस्थाजन्य मधुमेह ) के बारे में प्रशिक्षित किया गया। अनुव्रत भटनागर ने रिवर्सल ऑफ डायबिटीज के बारे में बताते हुए कहा कि यदि सही दिनचर्या और उचित आहार विहार का पालन किया जाए तो इस बीमारी को रिवर्स किया जा सकता है, यदि कोई कम से कम दवा से अपनी शुगर को नियंत्रित कर सके तो यह भी काफी संतोषजनक होगा।
गावंडे ने बताया कि हमारे संस्थान के विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मरीजों की केयर में अपना अधिकांश समय व्यतीत करते हैं, इसलिए इन्हें डायबिटीज सहित सभी प्रकार के रोगों की जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम में 50 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं व 100 से अधिक नर्सिंग छात्राओं ने शिरकत की। इस अवसर पर डायबिटीज अवेरनेस पर एक नाटक की प्रस्तुति भी नर्सिंग के विद्यार्थियों द्वारा दी गई। कार्यक्रम के संयोजक रुद्रप्रताप सिंह चौहान ने अतिथियों का आभार माना।
इस अवसर पर एक डायबिटीज रिवर्सल कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमें डायबिटीज के विशेषज्ञ चिकित्सक भटनागर द्वारा अनियंत्रित शुगर के विभिन्न मरीजों को जीवनशैली में परिवर्तन, खानपान में बदलाव व दवाओं की उचित खुराक से शुगर को नियंत्रित व शुगर के रिवर्सल के बारे में परामर्श दिया गया। शिविर में शुगर, स्पाइन व ब्रेन, हड्डी व जोड़ रोग के अनेक के मरीजों को परामर्श दिया गया। मरीजों के पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफ टी) , शुगर व बीपी की जांच निश्शुल्क की गई।