कविता: हर दिल जो मोहब्बत करता है…
हर दिल जो मोहब्बत करता है,
रखता है ख्वाहिश दयार-ए-हबीब की।
रूबरू हो दिलबर जहां,
हो आरजू पूरी वस्ल-ए-हबीब की।
हों जाएं हम खुद से ही जुदा,
वो मदहोशी है सूरत-ए-हबीब की।
कर सकें हम शब भर गुफ्तगू,
वो घड़ियां मिलें कुर्बत-ए-हबीब की।
– हबीब-जिसे चाहते हैं
– दयार-ए-हबीब – जहां चाहने वाला रहता है
अदिति टंडन (Aditi Tandan)
आगरा