वन विभाग द्वारा तैयार विचार पत्र पर वेबिनार का आयोजन

वन विभाग द्वारा तैयार विचार पत्र पर वेबिनार का आयोजन

देश एवं विदेशों से हुई भागीदारी

भोपाल। आत्म निर्भर भारत अभियान(Aatmanirbhar bharat abhiyan) के तहत आयोजित वनोपज पर देश की निर्भरता को कम करने का लक्ष्य वन विभाग(Forest department) द्वारा तय किया गया है। वर्तमान में प्रति वर्ष देश में 35 हजार करोड़ से अधिक की वनोपज तथा उसके प्रति उत्पादों का आयात हो रहा है। जबकि जैविक दबाव के कारण प्रदेश में 37 लाख हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र बिगडे वनों के रूप में परिवर्तित हो गया है। राज्य शासन द्वारा बिगड़े वन क्षेत्रों से प्रदेश में काष्ठ एवं गैर काष्ठ वनोपज का उत्पादन निजी निवेश को आमंत्रित कर वनोपज के उत्पादन स्तर, वृक्षारोपणों की उत्पादकता तथा उस पर आधारित घरेलू उद्योगों की स्थापना करने की नीति पर वन विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है।

विचार पत्र तैयार किए
वन विभाग द्वारा इसी परिप्रेक्ष्य में विचार पत्र तैयार किया जाकर देश तथा विदेश में स्थित भारतीय अंत्यावसाईयों के मध्य वितरित कर बुधवार को वेबिनार के माध्यम से परिचर्चा की गयी। परिचर्चा वन मंत्री विजय शाह(Forest Minister Vijay Shah) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इसमें 26 निवेशकों अंत्यावसाईयों के साथ-साथ प्रमुख सचिव वन एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख एवं अन्य वनाधिकारी मौजूद थे।

इन्होंने लिया भाग
वन मंत्री शाह(Forest Minister Vijay Shah) द्वारा सभी सहभागियों से विचार पत्र पर उनके सुझाव मांगे गये एवं उनकी विभिन्न शंकाओं का समाधान किया गया। यह वेबिनार कॉन्फिडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री(Webinar Confederation of Indian Industry) द्वारा किया गया। इसमें इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी(Indian Federation of Green Energy)(CII), ओरिएंट आईटीसी जेके विल्ट(Orient ITC JK Wilt) इत्यादि पेपर मिल ने भाग लिया। इसी के साथ डालमिया सीमेंट सतना, ग्रासिम ग्रुप, हेमंत गुप्त यूएसए से, तन्मय भटट्चार्य सिंगापुर ने भी वेबिनार में भाग लिया। सहभागियों ने विचार पत्र की सराहना की तथा इस योजना में निवेश करने का उत्साह भी दिखाया।

वनोपज पर आधारित उद्योग स्थापित करने पर चर्चा
बिगडे वन भूमि पर निजी निवेश से वृक्षारोपण कर वृक्षों के उत्पादन में स्थानीय समुदाय की भूमिका तथा उनकी हिस्सेदारी तथा वृक्षारोपण क्षेत्र की कटाई से प्राप्त वनोपज पर आधारित उद्योग स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। इस प्रकार के वृक्षारोपण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के भी सुझाव प्राप्त हुए। परिचर्चा से प्राप्त सुझावों को संकलित कर संशोधित प्रस्ताव कोनिजी निवेश से बिगड़े वनक्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्य सम्पादित करने के मामले में वन विभाग द्वारा भारत सरकार को भेजा जायेगा। इसके पश्चात् प्रतिस्पर्धी तरीके से 500 से 1000 हेक्टेयर की कार्य इकाईयों के रूप में वन क्षेत्रों के लिए निजी निवेश आमंत्रित करने टेण्डर प्रक्रिया प्रारम्भ होगी।

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