मुख्यमंत्री से बात करने को लेकर उत्साहित है कमल का परिवार

मुख्यमंत्री से बात करने को लेकर उत्साहित है कमल का परिवार

इटारसी। मालवीयगंज (Malviyaganj) के नदी मोहल्ला (Nadi Mohalla) में एक प्रायवेट फर्म ( Private firm) में तेल के पैकेट की पैकिंग (Packing) करने वाले मजदूर कमल मेहरा के यहां कल उत्सव का माहौल रहेगा। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) कमल और उनके परिवार से बातचीत करेंगे। कमल मेहरा के दो बेटे नंदलाल मेहरा 14 वर्ष और प्रशांत मेहरा 11 तथा लक्ष्मी मेहरा 15 है।
कमल (Kamal) का प्रधानमंत्री आवास (PRADHAN MANTRI AWAS YOJNA) बनकर तैयार है और कल गृह प्रवेश का कार्यक्रम प्रशासन ने अरेंज किया है। मप्र माध्यम भोपाल (Bhopal) से सीधे प्रसारण के लिए टीम आयी है। तीन दिन से नगर पालिका यहां जोरशोर से तैयारी कर रही है। कमल के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है। उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था कि मुख्यमंत्री भी उनसे बात करेंगे। पूरा परिवार उत्साहित है।

बच्चे काफी उत्साहित हैं

कमल की बिटिया लक्ष्मी मेहरा 15 वर्ष, मामा से बातचीत करने के लिए उत्सुक है। वह अपना ड्रीम मामा को बताकर उसे पूरा करने की मांग करने वाली है। उसका सपना है कि वह अच्छी तरह से पढ़कर डाक्टर बने। उसका एक भाई नंदलाल का कहना है कि वह इंजीनियर और दूसरा भाई आईएएस करके कलेक्टर बनना चाहता है।

कार्यक्रम कल दोपहर 3 बजे होगा

प्रधानमंत्री आवास हितग्राही शहरी के एक लाख से अधिक हितग्राहियों के हितलाभ वितरण (सिंगल क्लिक द्वारा किश्त वितरण, भूमिपूजन, गृहप्रवेश) और हितग्राही संवाद का कार्यक्रम कल बुधवार 27 अप्रैल को दोपहर 3 बजे से होगा। इससे पहले इस कार्यक्रम का समय सुबह 11 बजे का तय हुआ था, जो 3 बजे हो गया है।

तीन दिन से लगातार आ रहे अफसर

नदी मोहल्ला में रहने वाले कमल के घर पिछले तीन दिन से लगातार अफसर आ रहे हैं और नर्मदापुरम से कमिश्नर वीडियो कॉन्फेंसिंग से कमल से बातचीत कर रहे हैं। सीएमओ श्रीमती हेमेश्वरी पटले अपनी देखरेख में तैयारी करा रही हैं। आज एडीएम मनोज ठाकुर और एसडीएम एमएस रघुवंशी भी कमल के निवास पर पहुंचे थे।

बहुत खुश है कमल का परिवार

कमल मेहरा का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका पक्का मकान होगा। सन् 2010 में उन्होंने यहां 25 हजार रुपए में 10 गुणा 40 फुट का प्लॉट लिया था। प्रधानमंत्री आवास की ढाई लाख की राशि स्वीकृत होने के बाद उन्होंने भी पेट काट-काटकर जोड़े डेढ़ लाख रुपए और लगाकर एक अच्छा मकान बना लिया।

बच्चों को काबिल बनाना सपना

कमल मेहरा का कहना है कि बच्चों को पढ़ाकर काबिल बनाना उनका सपना है। सरकार ने सिर पर छत दे दी, अब बच्चों की पढ़ाई में मदद हो जाए तो अच्छा रहेगा। सपनों का आशियाना पाकर उनके चेहरे खुशी से खिले हुए हैं। पक्के घर में रहने से उन्हें बारिश में परेशान नहीं होना पड़ता, अन्य समस्याओं से भी राहत मिल गई है।

यह करता है परिवार

कमल चावल बाजार में स्थित एक दुकान में तेल पैकिंग का काम करता है। बमुश्किल दो दिन की छुट्टी अफसरों के कहने से मिली है, जबकि पहले तो मालिक ने मना कर दिया था। बाद में मालिक का फोन आ गया कि उसे छुट्टी दे दी है। उनकी पत्नी शशि मेहरा प्रायवेट आईटीआई (Private ITI) में काम करती हैं, उनको भी छुटटी मिल गई है।

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AUTHORRohit

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