भक्त कर्मा बाई की जगन्नाथ जी की निश्छल भक्ति की कथा सुनाई

जगन्नाथ जी के श्री चरणों में प्रारंभ हुआ श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का संवाहन
जगन्नाथपुरी, उड़ीसा।
सच्चिदानंद अर्थात सत्य के प्रकाश का आनंद, यही वास्तविक स्वरूप है परमात्मा का। उक्त उदगार के साथ आज गुरुवार, दोपहर 2 बजे से श्री जगन्नाथ की पुरी में होटल नीलाद्री के सभागार में भागवताचार्य पंडित नरेन्द्र तिवारी से श्रीमुख से श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का संवाहन प्रारंभ हुआ।

इस ज्ञान यज्ञ के मुख्य यजमान राजेंद्र अग्रवाल, भौरा वाले हैं। सह यजमान प्रोफेसर डॉ.विनोद सीरिया हैं। अन्य कुछ यजमानों द्वारा ही अपनी तरफ से अलग अलग पंडितों द्वारा पृथक पृथक भागवत कथा पाठ भी कराया जा रहा है। कल रात 1 बजे हमसफर एक्सप्रेस से इटारसी से करीब 200 धर्म प्रेमियों का जत्था पुरी पहुंचा। आज सुबह श्रीम्द भागवत जी की कलश यात्रा कथा स्थल से श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंची व वहां से पुन: कथा स्थल आई।

शास्त्रोक्त पूजन के बाद प्रथम दिवस की कथा प्रारंभ हुई। व्यास पीठ से पंडित तिवारी ने कथा का प्रारंभ मां भक्ति के रुग्ण पुत्रों ज्ञान व वैराग्य की कथा का वह प्रसंग सुनाते हुए की जिसमें फिर जिनको श्रीमद् भागवत कथा अमृत द्वारा ही स्वस्थ किया जा सकता है। आज पंडित तिवारी ने राजस्थान से पुरी आकर बसी परम भक्त कर्मा बाई की श्री जगन्नाथ जी की निश्छल अद्भुत भक्ति की कथा से प्रथम दिन के ज्ञान सत्र को विराम दिया।

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AUTHORRohit

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