होशंगाबाद। गुरूवार को शासकीय नर्मदा महाविद्यालय (Government Narmada College) में दर्शनशास्त्र विभाग, आंतरिक गुणवत्ता समिति एवं वल्र्ड बैंक प्रोजेक्ट के तत्वाधान में राष्ट्रीय वर्चुअल सेमिनार का आयोजन योगा फोर हेल्थ, विषय पर किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ओ.एन. चौबे ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतराष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आचार्य आनंद पुरुषार्थी ने अपने कहा कि व्याकरण की दृष्टि से योग यात्रा समाधि पर्यंत तक होती है योग में कुछ आसन केवल व्यायाम परक होते हैं। परंतु कुछ आसन ध्यान परक होते हैं। जब हम केवल स्वास्थ्य को ठीक करना चाहते हैं तो हम आसन एवं प्राणायाम तक ही सीमित हो जाते हैं। योग का अर्थ मन और इंद्रियों का नियंत्रण है। संयमी ही इंद्रियों को नियंत्रित कर सकता है, आसक्ति से विमुख होना आवश्यक है। प्राध्यापक डॉ.जे.पी. शाक्य ने अपने उद्बोधन में प्राणायाम के महत्व से परिचित कराया, उन्होंने पूरक रेचक और कुंभक के महत्व को प्राणायाम के अंतर्गत स्पष्ट किया, प्राणायाम के विभिन्न प्रकार अनुलोम. विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका, शीतली, उज्जाई, अग्निसार, चंद्रभेदन आदि प्राणायाम का विस्तार से वर्णन किया। पूनम गर्ग व्याख्याता डाइट मेरठ ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योग के शारीरिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, संवेगात्मक स्वास्थ तथा तनाव रहित जीवन हेतु योग की उपयोगिता से परिचित कराया। कार्यक्रम का आयोजन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ विनीता अवस्थी के द्वारा किया। इस दौरान सभी षिक्षकगण मौजूद रहे।