नज़्म: तलाशते रहे हम

तलाशते रहे हम
सूरत – ए – दिलबर
हर आईने में
जो पहुंचे दर -ए -दिल
तो जाना वही तो नुमायां
हर शय में
तरसते रहे हम
एहसास -ए -दिलबर को
हर पल में
जब समझा रूह -ए -इबादत
तो महसूस हुआ तू ही
हर धड़कन में।
अदिति टंडन
आगरा ( उ प्र )
CATEGORIES Sahitya