- – न्यायालय तहसीलदार ने शिकायत पर दिया फैसला
इटारसी। बजरंग व्यायामशाला (Bajrang Gymnasium) के कुए पर अतिक्रमण के मामले में न्यायालय तहसीलदार (Court Tehsildar) ने आवेदक की याचिका को प्रचलन योग्य न मानते हुए खारिज कर दिया है। मामले की शिकायत की जांच में पाया गया था, कि भू-मालिक की आपसी सहमति से भूमि पर व्यायामशाला का संचालन हो रहा है, किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।
शिकायत में अभिषेक बरखने (Abhishek Barkhane) ने बजरंग व्यामशाला के संचालक उमाशंकर चौधरी (Umashankar Chowdhary) द्वारा अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था। बताया था कि कलेक्टर कार्यालय से स्व. रामलाल बरखने ( Ramlal Barkhane) को सामजिक कुआ का निर्माण करने की अनुमति प्रदान की गई थी। इस अनुमति के पश्चात लगभग 60 वर्ष पूर्व यह कुआ रामलाल बरखने ने बनाया था, जो आज भी जीवित है, जिससे समाज की पेयजल सुविधा हेतु उपयोग जाता रहा है। उमाशंकर चौधरी, अनिल चौधरी एवं साथियों ने बलपूर्वक उक्त कुए पर कब्जा कर आसपास की रिक्त भूमि पर पक्की दुकान का निर्माण कर रहे हैं।
जांच के बाद अतिक्रमण नहीं पाये जाने पर न्यायालय तहसीलदार ने यह निर्णय पारित किया है। न्यायालय तहसीलदार इटारसी द्वारा दिए निर्णय में उन्होंने प्रश्नाधीन भूमि जिस पर मेहराब का निर्माण मोतीलाल रईसा साहू के वारसानो की सहमति से किया जा रहा था, वह भूमि वास्तव में मोतीलाल रईसा साहू के नाम पर भू अभिलेख में भी दर्ज है, जबकि चेतन राजपूत एवं उसके सहयोगी द्वारा कभी स्वयं की भूमि कभी शासकीय भूमि बताया जा रहा था। बता दें कि श्री बजरंग व्यामशाला के संचालक उमाशंकर चौधरी ने चेतन सिंह के खिलाफ 500000 रुपए की मानहानि का दावा भी दायर किया गया है, जो कि न्यायालय में विचाराधीन है।