डीजल की होम डिलीवरी
इटारसी। बखरनी, बोवनी के समय ट्रैक्टर(Trackres) या सिंचाई पंप (Sinchai Pump) का डीजल खत्म हो जाने पर अब किसानों को खाली कुप्पे, ड्रम लेकर पेट्रोल पंप नहीं जाना होगा। एक काॅल करने पर गाड़ी उनके गांव, खेत-खलिहान में डीजल देने आ आएगी। किसान या गांव के अन्य किसानों को मिलकर कम से कम 200 लीटर डीजल लेना होगा। डोर टू डोर डिलेवरी (डीडीडी) के इस मॉडल प्रयोग के लिए इंडियन ऑयल ने मप्र (Indian Oil itarsi) की इटारसी तहसील को चुना है। खास बात यह है कि खेत में ईंधन लेने पर किसानों को पेट्रोल पंप (Petrol Pump) के रेट पर ही हाई स्पीड डीजल(High speed diesel) मिलेगा। नवरात्र में इस गाड़ी ने गांव के फेरे लगाने शुरू कर दिए हैं। इंडियन ऑयल डीलर राजेंद्र एस अग्रवाल (Indian Oil Dealer Rajendra S Aggarwal) ने बताया यह वाहन काॅल आने पर 15 किमी तक के गांव में डीजल देने किसान के घर या खेत तक जाएगा।
कैशलैस पेमेंट की भी सुविधा
आमतौर पर जहां पेट्रोल पंप नहीं होते, वहां जरूरत पड़ने पर खाली कुप्पियां या ड्रम लेकर दूर के पंप तक जाना होता है। वहां यह गाड़ी जाएगी।
डिलीवरी वाहन (Delivery vehicle) की लागत करीब 40 लाख है। इस गाड़ी की क्षमता 4 हजार लीटर की है। इसमें दो प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात रहेंगे। आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र होंगे। पेट्रोल अधिक ज्वलनशील होने से डीजल दिया जाएगा। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से हाईवे के ट्रकों को इससे डीजल नहीं मिलेगा। इसमें एक जोखिम लूटपाट होने की भी है।
गांव, खेत या किसी निर्माण स्थल पर डीजल लेने पर नकद या केशलैश भुगतान की सुविधा रहेगी। गाड़ी से तुरंत रसीद मिलेगी।
स्टार्ट-अप को बढ़ावा
दरअसल, भारत के उद्योग और आंतरिक संवर्धन विभाग के तत्वावधान में व्यापार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय स्टार्ट-अप को बढ़ावा दे रहा है। नए व्यावसायिक समाधान में पेट्रोलियम और मंत्रालय प्राकृतिक गैस ने भी दरवाजे की सीढ़ियों तक एचएसडी वाहन तक पहुंचाने की अवधारणा की परिकल्पना की है। इस तरह के स्टार्ट-अप्स को फ्यूलइंट्स (ईंधन + उद्यमी) कहा जाएगा। यह प्रस्ताव इंडियन ऑयल सहित हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम को भी मिला है पर फिलहाल इंडियन ऑयल ने इसे शुरू किया है।