इटारसी। नयी व्यवस्था के अनुसार अब कृषि उपज मंडी के गेट हर रोज सुबह 4 बजे खुलेंगे, इसलिए किसान रात में आकर परेशान न हों। मंडी में किसानों की सुविधा के लिए नयी व्यवस्था बनायी जा रही है, और तीन दिन के अवकाश के बाद आज से इसकी शुरुआत कर दी गई है। नये सचिव अरविंद परिहार ने आज स्वयं की मौजूदगी में सुबह से इस नयी व्यवस्था को लागू कराया और पहले दिन सुबह पहली खेप में सौ ट्रालियों को टोकन व्यवस्था के साथ मंडी परिसर में प्रवेश दिलाकर व्यवस्थित खड़े कराया।
आज अल सुबह 3:45 बजे से मंडी कर्मचारियों की जारी आदेश अनुसार टोकन सिस्टम से प्रवेश व्यवस्था मंडी सचिव की उपस्थिति में प्रारंभ की गई है। इस वक्त से ही मंडी में सुधार की नयी व्यवस्था प्रारंभ हो गयी है। मंडी गेट को सुबह पौने चार बजे खोला गया और पौने छह बजे तक सौ ट्रालियां टोकन जारी होकर बिना किसी परेशानी के कर्मचारियों की मदद से मंडी परिसर में व्यवस्थित खड़ी हो गईं। सुबह बैरियर से पीएस मशीन के जरिये प्रवेश पर्ची जारी की गई।
कृषि उपज मंडी के गेट पर नहीं लगा कोई जाम

इस नयी व्यवस्था से मंडी के गेट पर हर रोज लगने वाले जाम से मुक्ति मिली। पहले बेतरतीब तरीके से किसान आकर ट्रालियां खड़ी करते थे और गेट पर अव्यवस्था होती थी। अब एक-एक ट्राली को प्रवेश पर्ची के माध्यम से भीतर पहुंचाया और कर्मचारियों की मदद से 23 नंबर शेड से शुरुआत करके व्यवस्थित खड़े कराया। स्वयं मंडी सचिव अरविंद परिहार पूरे वक्त मौजूद रहे और किसानों से निरंतर संवाद करके व्यवस्था में सहयोग की अपील करते रहे।
ऐसी व्यवस्था हमेशा रहे
ग्राम दतवासा से आए किसान से मंडी सचिव ने संवाद किया और नयी व्यवस्था पर फीडबैक लिया। किसान बृजेश गौर ने कहा कि यह नयी व्यवस्था पहले के मुकाबले बेहतर है, लेकिन इसे हमेशा के लिए लागू होना चाहिए और इसे हमेशा कायम रखना चाहिए, थोड़े दिनों बाद फिर व्यवस्था बिगड़ जाए, ऐसा नहीं हो। सचिव ने आश्वस्त किया है कि ऐसी व्यवस्था हमेशा कायम रखी जाएगी, किसानों की सुविधा के लिए हर संभव कार्य किये जाएंगे, बस किसान व्यवस्था बनाने में मंडी प्रशासन का सहयोग करें।
इनका कहना है…
आज से मंडी परिसर में किसानों की सुविधा के लिए नयी व्यवस्था लागू की गई है। किसानों को व्यवस्था बनाने के लिए मंडी प्रशासन को सहयोग करना चाहिए, हम उनको सुविधा देने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। गेट हर रोज सुबह 4 बजे खुलेंगे, किसान रात को आकर परेशान न हों।
अरविंद परिहार, सचिव कृषि उपज मंडी इटारसी