अबकी बार गेहूं से पहले शुरू हो जाएगी चने की खरीद

अबकी बार गेहूं से पहले शुरू हो जाएगी चने की खरीद

एक हजार रुपए क्विंटल कम पर बिक रहा है चना, सरकारी खरीद शुरू होने से बढ़ेंगे दाम

हरदा। प्रदेश में पहली बार गेहूं से पहले चने की समर्थन मूल्य (support price) पर खरीदी शुरू हो जाएगी। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल के निर्देश पर किसानों का पंजीयन सोमवार से शुरू हो जाएगा। कृषि मंत्री की इस पहल से किसानों को खरीद में विलंब के चलते अपनी उपज औने पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने आज शाम अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा में बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के साथ बैठक कर चने की खरीद पहले शुरू करने के फैसले पर मोहर लगवा ली गई है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि गेहूं की खरीद खाद्य विभाग करेगा, जबकि चना, मसूर और सरसों की खरीद के लिए विपणन संघ को नोडल एजेंसी बनाया गया है। कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि रबी की फसल में गेहूं और चना प्रमुख उपज हैं, छोटे और असिंचित भूमि के किसान चना ही उगाते हैं। चने की फसल गेहूं के पहले आ जाती है, लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद की प्रक्रिया गेहूं के बाद मई- जून में शुरू होती है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि इस समय तक किसान अपनी अधिकतम उपज व्यापारियों को बेच चुके होते हैं, समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने से व्यापारी कम भाव पर चना खरीद लेते हैं, इससे किसानों को नुकसान होता है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि वह खुद भी किसान है इसलिए हमने तय किया है कि इस वर्ष से चने की समर्थन मूल्य पर खरीद गेहूं से पहले शुरू कर दी जाएगी। मंत्री श्री पटेल ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं, इसके बाद चना उगाने वाले किसानों का पंजीयन सोमवार से शुरू किया जा रहा है। मंत्री पटेल ने बताया कि चने की खरीद समर्थन मूल्य से करीब एक हजार रुपये क्विंटल कम पर खरीदा जा रहा है, समर्थन मूल्य पर खरीदी 15 मार्च से शुरू हो जाएगी, इसके बाद व्यापारियों को समर्थन मूल्य से अधिक की बोली लगा कर माल खरीदना पड़ेगा। कृषि मंत्री कमल पटेल ने पिछले वर्ष का उदाहरण देते हुए बताया कि सरसों, मसूर और चने की खरीद विलंब से शुरू हुई थी, लेकिन हमने अधिकतम 15 क्विंटल की सीमा को समाप्त कर खरीद की, सरसों में भी अधिकतम 25 क्विंटल की सीमा को खत्म किया। इससे मंडी में आवक बढ़ी और व्यापारियों को माल मिलना मुश्किल हो गया, मजबूरन व्यापारियों को समर्थन मूल्य से दो हजार रुपये क्विंटल अधिक देकर खरीद करना पड़ी। इससे किसानों को एक हजार करोड़ रुपये का फायदा हुआ। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि चने की समर्थन मूल्य पर खरीद पहले शुरू करने से व्यापारियों को इससे अधिक दाम देकर उपज खरीदना होगी। इससे किसानों को अपनी उपज का अधिकतम दाम मिलेगा। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है, इस लक्ष्य को उपज का अधिकतम मूल्य दिलाकर पूरा किया जाएगा।

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