नपा कर्मचारियों की जांबाजी, तवा के गेट की ऊंचाई कम देखें वीडियो

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इटारसी। जब मूसलाधार बारिश हो रही थी और पहाड़ी नदी का पानी बढ़ते-बढ़ते लोगों के घरों में घुसा तो नगर पालिका (Nagar Palika Itarsi) के सफाई कर्मचारियों ने जांबाजी दिखाते हुए कुछ स्थानीय युवाओं के साथ दर्जनों लोगों को बाहर निकाला। पीपल मोहल्ला (Pipal Mohallah) में म्युनिस्पल स्कूल के पीछे रहने वाले कुछ परिवार के लोग बाढ़ में फंस गये थे तो नगरपालिका की टीम को जानकारी मिली तो स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी के मार्गदर्शन में टीम पहुंच गयी।

यहां से करीब पंद्रह लोगों को रेस्क्यू करके निकाला और राजेन्द्र शाला के राहत कैंप (Relief camp) में पहुंचाया। सफाई कर्मचारियों के साथ स्थानीय युवाओं ने भी मदद की और लंबी रस्सी के सहारे, ट्यूब के साथ लोगों को बाहर निकाला। कुछ बुजुर्गों को कंधे और पीठ पर बिठाकर कमर से ऊपर तक पानी में से बाहर लेकर आये। इसी तरह से बंगलिया (Bangaliya) में भी पिछले हिस्से में कुछ परिवार फंसे थे, जिनको इस टीम ने निकाला और वहीं एक खाली मकान में ठहराया। इसके साथ ही यह टीम बूढ़ी माता मंदिर क्षेत्र के नदी मोहल्ला (Nadi Mohallah) पहुंची और यहां से जिन घरों में पानी था, उसके लोगों को निकालकर श्री बूढ़ी माता मंदिर के मंगलभवन (Mangal Bhawan Budimata) में पहुंचाया। इन लोगों को राहत शिविरों में सोने और खाने का इंतजाम किया गया है।

तवा (Tawa Dam Gate) के गेट की ऊंचाई कम
रात दस बजे से तवा बांध (Tawa Dam) के गेटों की ऊंचाई घटा दी गई है। बाढ़ कंट्रोल रूम के अनुसार रात 10 बजे से तवा बांध के 13 गेट 12 फुट की ऊंचाई तक कर दिये हैं जबकि दोपहर में इनकी ऊंचाई 36 तक कर दी गई थी। तवा से पानी छोडऩे के बाद डेम का लेबल रात 10 बजे 1163.10 फुट था। होशंगाबाद में सेठानी घाट पर जलस्तर 982.80 फुट पर चल रहा था। बरगी का जलस्तर 422.45 और बारना का 347.85 मीटर था।

सफाई की टीम का अलग कार्य
शहर में लगातार बारिश से कई स्थानों पर बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो रहा था। सफाई विभाग की एक टीम केवल पानी निकालने के लिए लगातार बरसते पानी में काम कर रही थी। जहां भी नालियां चौक थीं, उनको निकालकर पानी निकासी की व्यवस्था की गई। बाजार क्षेत्र के अलावा कुछ मोहल्लों में भी इस टीम ने पहुंचकर बारिश के पानी की निकास व्यवस्था ठीक की।

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इन क्षेत्रों में भरा घरों में पानी
शहर में बाढ़ के हालात 2013 की तरह बन गये थे। पुरानी इटारसी का अधिकांश हिस्सा बाढ़ की चपेट में था। माठिया बाबा क्षेत्र, मीठा कुआ सनखेड़ा नाका, हाउसिंग बोर्ड कालोनी के अलावा सूखा सरोवर मैदान और उसके आसपास का क्षेत्र, गोंडी मोहल्ला, अवाम नगर, चेतन नगर बारह बंगला, पीपल मोहल्ला, सोनांसावरी नाका, राठी दाल मिल, तिरुपति कालोनी, महर्षि नगर, बंगलिया, मालवीयगंज, नाला मोहल्ला, नई गरीबी लाइन, न्यास कालोनी के पास का झुग्गी बस्ती क्षेत्र बाढ़ की चपेट में था।

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इन पुल-पुलियाओं पर रहा पानी
पहाड़ी नदी की सभी पुलियाओं पर पानी ऊपर से होकर बह रहा था। सतपुड़ा से आने वाली मेहरागांव नदी में रेलवे के दोनों पुलियों पर पानी दो से तीन फुट ऊपर तक बह रहा था। इसी तरह से मेहरागांव के पुल पर भी पानी था। ठंडी पुलिया, बारह बंगला के बेस किचन के पास का रपटा, तरोंदा गांव के पास का रपटा, नेशनल हाईवे पर सांकलिया पुल, घाटली का रपटा, सोनासांवरी गांव की नदी, न्यास बायपास के पुल पर ऊपर से पानी जा रहा था। इन पुल और पुलियाओं पर पानी होने से इटारसी शहर का लगभग सभी गांवों से संपर्क टूट गया था। दमदम का रपटा, रामपुर का पुल इस तरह से आने वालों को रोके रखा था। रेलवे पुल के नीचे पानी से नयायार्ड के लोग नहीं आ सके।

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इन अफसरों की टीम घूमी
अलसुबह से एसडीएम सतीश राय (Satish Rai SDM Itarsi) के साथ तहसीलदार तृप्ति पटेरिया (Tripti Pateriya Tahsildar Itarsi), रितु भार्गव, नायब तहसीलदार विनयप्रकाश ठाकुर के साथ राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की टीम थी तो, नगर पालिका में स्वच्छता निरीक्षक आरके तिवारी (RK Tiwari), सब इंजीनियर आदित्य पांडेय (Aditya Pandey), विकास वाघमारे (Vikas Badhmare), कमलकांत बडग़ोती (Kamal Badgotri) के साथ स्वच्छता विभाग की टीम जहां से खबर आ रही थी, यथासंभव पहुंच रहे थे।

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गुरुद्वारा में बंटा खाना
भारी बारिश एवं बाढ़ के चलते मज़दूर वर्ग को रोजगार की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों को दो वक्त पेट भरने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी समस्या को देखते हुए, लायंस क्लब इटारसी फ्रेंड्स ने हंगर एक्टिविटी के अंतर्गत लगातार नि:शक्त और निराश्रित वृद्धजनों, महिलाओं और बच्चों के लिए भोजन वितरित किया। स्थानीय गुरुद्वारा में 2000 से ज़्यादा बाढ़ पीडि़त लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किये गये। इसमें जसवीर छाबड़ा का उल्लेखनीय योगदान रहा। गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा (Gurudwara gurusingha sabha) ने भी इस आपदा के मौके पर गरीबों के लिए भोजन वितरण किया तो सचखंड लंगर सेवा समिति (Sachakhand langar seva samiti) ने भी भोजन बनवाया।

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विधायक की टीम भी मुस्तैद
जिला मुख्यालय पर नर्मदा का पानी कई बस्तियों में घुस गया है। यहां कई लोगों को प्रशासन ने बाढग़्रस्त क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। ऐसे लोगों को प्रशासन ने तो व्यवस्था की है। लेकिन, विधायक की टीम ने भी बाढ़ पीडि़तों को भोजन कराने के लिए भोजन शाला प्रारंभ की। स्वयं विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma, MLA Hoshangabad) के नेतृत्व में सतरस्ता स्थित काली मंदिर में भोजन व्यवस्था की गई और वे अपनी देखरेख में भोजन बनवाते रहे और बाढग़्रस्त क्षेत्रों में जाकर लोगों के हाल भी जाने तथा प्रशासन से समन्वय बनाते हुए व्यवस्थाओं पर नजर रखते रहे।

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सोनासांवरी नदी का पानी ग्रांड एवेन्यु में
 इस बरसात में शहर की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली कालोनी ग्रांड एवेन्यू  सोनासांवरी नाके में पानी तेजी से भराया है। सोनासांवरी की नदी, सूरजगंज से सोनासांवरी रोड का पानी कालोनी में घुसा तो इसके सबसे सुरक्षित के दावे का पोल खोलकर रख दी।   बता दें कि यह क्षेत्र शहर के निचले इलाकों में गिना जाता है और वर्षों से शहर का पानी बहकर इसी क्षेत्र में पहुंचता रहा है। पिछले कुछ वर्षों से बारिश इतनी अधिक नहीं हुई जिससे यहां बाढ़ के हालात नहीं बने। इस वर्ष महज बारह से चौदह घंटे की बारिश ने अधिकांश हिस्से को जलमग्न कर दिया। 

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कई घंटे नहीं रही बिजली (Electricity)
सारी रात बारिश के बाद सुबह से लाइट गई तो सारा दिन शहर को बिजली नहीं मिली। बिजली विभाग के एई डेलन पटेल ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करके जानकारी दी कि शहर के सारे विद्युत सब स्टेशनों में पानी भर जाने और कई बस्तियों में घरों के भीतर पानी होने और ट्रांसफार्मर आधे पानी में डूबे होने से विद्युत सप्लाई बंद की गई है, जब पानी बंद होगा और इसके बाद ही सप्लाई प्रारंभ की जाएगी। इस दौरान शहर को लगभग सारा दिन बिजली नहीं मिली। शाम को व्यवस्था सुचारू हुई तो कुछ क्षेत्रों में फाल्ट होने से फिर तीन से चार घंटे बिजली नहीं मिली।

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