व्यंग्यकार परसाई के गांव में एनएसएस का सात दिवसीय शिविर प्रारंभ

इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटारसी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना बालक इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम जमानी में प्राचार्य डॉ राकेश मेहता, वरिष्ठ समाजसेवी और नर्मदापुरम संभाग के कबड्डी फेडरेशन के अध्यक्ष हेमंत दुबे, सरपंच श्रीमती कमला कुमरे, जनपद सदस्य सुखराम कुमरे, रिटायर्ड बैंक अधिकारी आरबी चौधरी, गणित विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि तिवारी, डॉ पीके अग्रवाल, प्रधान पाठक एसके पाराशर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ संतोष कुमार अहिरवार मौजूद रहे।

मंचासीन अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद, व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई एवं मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण किया। संस्कृत विभागाअध्यक्ष श्रीमती श्रुति ने सरस्वती वंदना की। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संतोष अहिरवार ने मंचासीन अतिथियों को बैच लगाकर द्वारा स्वागत किया और शिविर का उद्देश्य और प्रतिवेदन का वाचन कर आगामी गतिविधियों से अवगत कराया। प्राचार्य डॉ राकेश मेहता ने राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रतीक चिन्ह, रंगों का समावेश, पहिए का डिजाइन जैसी मूल बातों से परिचय कराया। उन्होंने कहा कि इसका गहरा नीला रंग उस ब्रह्मांड की ओर संकेत करता है जिसका राष्ट्रीय सेवा योजना एक छोटा सा अंश है और जो मानव मात्र का कल्याण करने के लिए अपना अंशदान करने को तैयार है।

रश्मि तिवारी ने विद्यार्थियों को मतदान जागरूकता एवं साक्षरता से अवगत कराते हुए वोटर हेल्पलाइन पोर्टल और ऐप की जानकारी प्रदान की। डॉ आरबी चौधरी ने आदर्श ग्राम जमानी के इतिहास से परिचय कराते हुए कहा कि 1951 के बाद रवि शंकर दुबे, पुरुषोत्तम लाल दुबे आदि ग्राम पूर्वजों द्वारा गांव के लोगों को साथ लेकर ग्राम के विकास के लिए बेहतर सड़कें, बिजली, पानी की व्यवस्था, वाटर हार्वेस्टिंग, स्वच्छता, जागरूकता गरीबी उन्मूलन जैसे मूलभूत कार्य किए।

महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ पवन अग्रवाल ने उडिय़ा कवि की कविता के माध्यम से युवाओं को देश सेवा, समाज सेवा का संदेश दिया। साथ ही प्रसिद्ध व्यंगकार हरिशंकर परसाई की जन्म स्थली पर प्रसन्नता जाहिर की। समाजसेवी हेमंत दुबे ने आदर्श ग्राम जमानी के विकास अध्ययन और प्रख्यात व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्म शताब्दी वर्ष मानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रवि शंकर दुबे, पुरुषोत्तमलाल दुबे आदि पूर्वजों ने आजादी के पूर्व हर एक नागरिक को ग्राम के विकास में सहयोग के लिए तैयार किया। सामान्य गांव की तरह ग्राम जमानी में भी अव्यवस्थाओं का अंबार था, पूर्वजों ने मास्टर प्लान के तहत ग्राम जमानी की संरचना की।

गांव के बीच बना विजय स्तंभ उनकी संघर्ष की कथा बयां करता है। अपने व्याख्यान में पूर्व प्राथमिक शिक्षक प्रेम शंकर दुबे को याद करते हुए उनके अनुशासन मार्गदर्शन को याद किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज माता-पिता को बालिका की अपेक्षा बालकों को संभालने सुधारने की आवश्यकता है। बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा आज की मूलभूत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनएसएस, एनसीसी जैसे कैंप हमें जीवन की वास्तविकता से अवगत कराते हैं। उन्होंने जैविक खेती की आवश्यकता महत्व पर बल दिया। स्वयंसेवक संदीप मेहरा ने लक्ष्यगीत प्रस्तुति किया।

इस अवसर पर हिंदू महासभा के सदस्य गगन चौधरी, शिक्षक जीवेश जाटव, ओपी गौर, रमेश दुबे, राहुल दुबे, मास्टर ट्रेनर जितेंद्र लौवंशी, एसके उइके, निर्भय सिंह, कपिल परमार, सुरेश द्विवेदी, पंचायत सचिव कैलाश सिंह राजपूत, सहायक सचिव ललित यादव वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ ओपी शर्मा, डॉ मनीष कुमार चौरे, डॉ. दिनेश, डॉ.आशुतोष मालवीय, डॉ. बस्सा सत्यनारायण, श्रुति, डॉ दुर्गेश लसगरिया, ओएस यादव, ग्राम जमानी के गणमान्य नागरिक, माध्यमिक शाला के विद्यार्थी, लड़कियों की कबड्डी टीम के साथ ही सभी स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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AUTHORRohit

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