नूतन बरस शत-शत अभिनंदन, माथे पर रोली अक्षत चंदन: पंकज पटेरिया

नूतन बरस शत-शत अभिनंदन, माथे पर रोली अक्षत चंदन: पंकज पटेरिया

झरोखा: आइए नूतन बरस का शत शत अभिनंदन करे, माथे पर रोली चंदन का तिलक लगाकर अक्षत रख वंदन करे, नई सुबह के कंचनी रूप का पावन नर्मदा के अविराम प्रवाह का, ध्वजा से खड़े दरख़्त, गर्वो उन्नत शीश उठाए खड़े पर्वतों का, सघन वनों, मोहक बाग बगीचों का, प्रकृति के नयनाभिराम सम्पूर्ण हमे मिली अनमोल सौगात का, ओर आभार माने ईश्वर का। अलविदा कहे बरस 2020 को जो समय की नाव में बैठ गुड वाय कर महासागर में लीन हो गया।

बहरहाल यह एक बेहद दर्दनाक ख़ौफ़जदा हकीकत है बीते बरस ने अपनें उत्तराध्र में बेइंतहा दर्द दिए। कितने फूल असमय मुरझा गए, कितनी ही मासूम जिंदगियां असमय खत्म हो गई। इन तकलीफ दर्द भरे लथपथ लम्हों, भीगी यादो के हरे जख्म मुश्किल से भरेगे। लेकिन इस दारुण वेदना की घड़ियों ने बहुत कुछ सीखा और पाया भी है। जिस तरह की सहनशीलता, साहस, धैर्य, संयम ओर देश के मुखिया की बात का पालन करते इस महासंकट का सामना हमने किया वह मिशाल बनी है ,विश्व में सराही गई। हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आपदा से निपटने के जो युद्ध स्तरीय प्रबन्ध किए गए उससे देश ने अदम्य साहस के साथ संकट को मुंहतोड़ जबाव दिया।
इसी कठिन चुनौती के दौर में हमारे डाक्टर, स्वास्थकर्मी, सैन्य, पुलिस एवं अन्य संस्थाओं के लोगो ने अपने घर परिवार और जान की परवाह न करते हुए लोगो की हिफाजत की उन्हें बचाया। उनका यह अनमोल योगदान इतिहास में सुनहरे अक्षरो में लिखा जाएगा। पीड़ित मानवता की सेवा करते अनेक लोगो ने अपनी जान गवाई उनकी स्मृति में देश सदा श्रद्धानत रहेगा।

इसी काल खंड में देश में असंतुलन पैदा करने अलगाववादी विरोधियों ने देश की अस्मिता, अखंडता ओर सौहाद्र को बिगाड़ने की नाकाम कोशिश की, लेकिन देश के तेजस्वी नेतृत्व की दूरदृष्टी के आगे वे नाकाम रहे,ओर उन्हें उनकी जमीन पर मुंहतोड़ जबाव दिया गया। मुंह फैला रहे ड्रेगन का जबड़ा भी सील दिया गया।
हमे पुनः एकजुटता से तमाम सावधानियों को दृष्टिगत रखते हुए नए साल में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर जन, मन, गन का गान कर आन, बान, शान से अपने तिरंगे को फहराना है, उसे ऊंचा रखना है और राष्ट्र को प्रगति के उन्नत शिखर की ओर ले जाना है। नए बरस में हमारा नया मंत्र होना चाहिए।
नर्मदा के वरद पुत्र कविवर स्व राजेंद्र अनुरागी के शब्दो में – आज मेरा देश सारा लाम पर है जो जहां है वतन के काम पर है जय हिन्द। देशवासियों को नूतन बरस की अनेक मंगल कामनाएं।

 

pankaj pateriya
पंकज पटेरिया (Pankaj Pateria)
वरिष्ठ पत्रकार कवि ज्योतिष सलाहकार, संपादक शब्द ध्वज
9893903003, 9407505691

 

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