दादागुरु के आह्वान पर विश्व रक्तदान दिवस पर नर्मदापुरम में हुआ रक्तदान

Post by: Rohit Nage

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Bachpan AHPS Itarsi

नर्मदापुरम। 1348 दिनों से सिर्फ नर्मदा जल (Narmada Water) ग्रहण कर अखंड निराहार महाव्रत कर रहे रेवा पथ के महायोगी श्री दादागुरु (Shri Dadaguru) ने विश्व रक्तदान दिवस पर चतुर्थ बार संस्कारधानी में अपने अनेकों अनुनायियों एवं शिष्य मंडल के साथ रक्तदान किया। ज्ञातव्य है कि पिछले माह दादागुरु के अखण्ड निराहार व निर्जला महाव्रत का रहस्य जानने के लिए प्रदेश सरकार ने दादागुरु की जीवन शैली पर देश के उच्च चिकित्सा संस्थानों के प्रख्यात चिकित्सकों द्वारा शोध कराया है।

विज्ञान स्वयं अचंभित है कि इतने दिनों बिना कुछ ग्रहण किये सिर्फ नर्मदाजल पर कोई कैसे जीवित रह सकता है और सक्रिय रह सकता है? साथ ही 44 डिग्री तापमान में कोई रोज 30 किमी बिना किसी अन्न-जल आहार के कैसे चल सकता है। इस शोध से मां नर्मदा (Maa Narmada) की महिमा और महत्व को वैश्विक पहचान मिलेगी। दादागुरु ने अपने संदेश में कहा कि जीवन में सबसे बड़ा दान रक्तदान है। रक्त के अभाव में हमारी देव भूमि भारत में हजारों लोग दम तोड़ देते हैं। हमारा रक्तदान किसी को जिंदगी दे सकता है, किसी पीडि़त के चेहरे पर मुस्कान ला सकता है, इसलिए हमारा संकल्प होना चाहिए कि रक्त के अभाव में कोई भी पीडि़त दम न तोड़े।

अत: अपने जिले प्रांतों में निकटतम ब्लडबैंक (Blood Bank) या जिला चिकित्सालय में जाकर रक्तदान अवश्य करें। संकल्प लें कि सिर्फ आज ही नहीं वरन जब भी किसी को रक्त की आवश्यकता होगी तो हम अवश्य यह महादान रक्तदान करेंगे और रक्तदान सम्बन्धी समाज में फैली रूढिय़ों व कुरीतियों को भी नष्ट करेंगे। दादागुरु के आह्वान पर नर्मदापुरम (Narmadapuram) में दादागुरु नर्मदा मिशन परिवार के सदस्यों, शिष्यों व आसपास के भक्त मंडल ने श्रेया पैथोलॉजी में जाकर रक्तदान किया। इसी तारतम्य में नर्मदापुरम में नर्मदा मिशन द्वारा रक्तवीर टीम बनाने का संकल्प भी लिया। रक्तदान करने दादागुरु परिवार के सदस्यों में अमित दुबे, हरिकृष्ण नायक, संजय सेलेट, पीयूष मिश्रा, वीरेंद्र सिंह चौहान, कृष्ण कुमार ठाकुर, अजय दुबे, नितिन खंडेलवाल, आशीष खंडेलवाल सहित अनेकों आस पास के ग्रामीण क्षेत्र के भक्त मण्डल के सदस्यों ने भी रक्तदान किया।

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