संतुलित, अंकुरित और ताजा भोजन बचाए बीमारियों सेः पेंढारकर
होशंगाबाद। संतुलित भोजन का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यदि कोरोना जैसी बीमारियों से बचना है तो आप संतुलित, अंकुरित और ताजा भोजन ही लें। हम जो भोजन करते हैं सामान्य तौर पर स्वाद के अनुसार करते हैं। हमें स्वाद से बच कर स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर भोजन ग्रहण करना चाहिए। यह बात सोमवार को शासकीय गृहविज्ञान महाविद्यालय के क्रीड़ा एवं योग विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेबीनार में डाइटिशियन डाॅ. जयश्री पेंढ़ारकर ने कही। कार्यक्रम के दौरान अमरावती से डाॅ. अरूण खोडस्कर, हरिद्वार से डाॅ. उधमसिंह, पश्चिम बंगाल से डाॅ. महेश एस. खेतमाली, ने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता बरकतउल्ला विष्वविद्यालय की योग विभाग प्रमुख डाॅ. साधना दानोरिया ने की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. कामिनी जैन (Principal Dr. Kamini Jain) ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि योग और पोषण के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ने के कारण युवा पीढ़ी का इस विषय के प्रति रूझान बढ़ा है। आज समय की मांग है कि हम अपनी तेज रफ्तार जीवन शैली में योग को स्थान देकर स्वस्थ रहें साथ ही साथ संतुलित आहार को अपनाएं। डाॅ ज्योति जुनगुरे ने बताया कि वेबीनार में देशभर के 850 से अधिक प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, क्रीडा अधिकारी, योग शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी ने अपना पंजीयन कराया है।
यह है वक्ताओं ने
हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के पूर्व प्राचार्य डाॅ. अरूण खोडस्कर ने कहा कि योग प्राणायाम प्रतिदिन 20 से 25 मिनट तक योगाभ्यास करने पर ही हम 150 से अधिक सामान्य और 25 से अधिक गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं।
गुरूकुल कांगड़ी विष्वविद्यालय के योग प्रोफेसर डाॅ. उधम सिंह ने योग तकनीकि में संज्ञानात्मक माध्यम से बदलाव विषय पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा पूरी दुनिया मान चुकी है कि योग एक विज्ञान है। अब इसमें संज्ञानात्मक बदलाव आ रहा है।
विष्वभारती शांति निकेतन कोलकता पष्चिम बंगाल के डाॅ. महेश एस. खेतमाली ने कहा कि आहार के साथ-साथ व्यायाम का जीवन में बहुत महत्व है। डाॅ. खेतमाली ने विभिन्न प्रकार के व्यायाम और उनका शरीर पर प्रभार के बारे में विषेष जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बरकतउल्ला विष्वविद्यालय के योग विभाग प्रमुख डाॅ. साधना दानोरिया ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी व्यस्ततम जीवन शैली में बदलाव नहीं ला पाते हैं वे यदि 20-30 मिनट योगा अभ्यास करें तो सदैव स्वस्थ रह सकते हैं। श्रीमती दानोरिया ने जीवन में योग का महत्व बताया।