गंभीरता और पारदर्शिता से राजस्व न्यायालयों का संचालन करें

गंभीरता और पारदर्शिता से राजस्व न्यायालयों का संचालन करें

नर्मदापुरम। पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ राजस्व न्यायालयों का संचालन करें। लंबित राजस्व और आपराधिक प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करें। यह निर्देश कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक में सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को दिए हैं। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व, आपराधिक प्रकरणों के साथ विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर मनोज कुमार ठाकुर, सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।

कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के नवागत राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित तिथियों पर अपने कोर्ट का विधिवत संचालन करें। बिना सक्षम अनुमति के कोर्ट के दिन आगे न बढ़ाएं। राजस्व के साथ ही आपराधिक प्रकरणों का भी गंभीरता से निराकरण करें। सीआरपीसी में निहित प्रावधानों के तहत ही आपराधिक प्रकरणों का निराकरण किया जाए। कलेक्टर श्री सिंह राजस्व प्रकरण के निराकरण में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि निर्धारित दायित्वों के पालन में लापरवाही पर सम्बन्धित राजस्व अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन सहित अन्य मुद्दों पर मुस्तैदी के साथ काम करे।

कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि बाउंडोवर के प्रकरणों की जानकारी तहसील कार्यालय के सूचना पटल पर चस्पा करने के साथ ही उनकी जानकारी कलेक्टरेट और पुलिस अधिक्षक कार्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने धारणाधिकार, स्वामित्व योजना एवं मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना के प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा कर योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की भी समीक्षा की। शिकायतों का संतुष्टि के साथ निराकरण करने के निर्देश सभी राजस्व अधिकारियों को दिए।

2033 किसानों से 23000 मीट्रिक टन खरीदी

बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने रबी उपार्जन की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी 174 गेहूं खरीदी केन्द्रों को सक्रिय कर वहां सुचारु रूप से खरीदी की जाए। केन्द्रों पर बारदाना, तौलकांटों, मानव संसाधन आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। परिवहन कार्य भी निरंतर किया जाए। नोडल अधिकारी खरीदी केन्द्रों का सतत निरीक्षण करें। एसडीएम अपने क्षेत्र में खरीदी की लगातार मॉनिटरिंग करें। किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर उनका तत्काल निराकरण कराएं। जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि अभी तक 2033 किसानों से 23000 मीट्रिक टन की खरीदी की जा चूंकि हैं।

CATEGORIES
Share This

AUTHORRohit

error: Content is protected !!