---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

अनुकम्पा नियुक्ति योजना को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

By
On:
Follow Us

होशंगाबाद। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा अनुसार राज्य शासन ने उसके नियोजन में कार्यरत समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/ संविदा/कलेक्टर दर/आउटसोर्स/मानदेय के रूप में कार्यरत शासकीय सेवक/सेवायुक्तों के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना लागू कर दी है। सेवायुक्तों की कोविड संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके परिवार के पात्र एक सदस्य को योजना में विहित प्रावधान के अनुसार उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, जिसमें मृत सेवक नियोजित था।

पात्र कर्मी
राज्य के समस्त नियमित/स्थाईकर्मी/कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले/दैनिक वेतन भोगी/तदर्थ/संविदा/कलेक्टर दर पर कार्यरत सेवक, जिनका वेतन/मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विभागों द्वारा सक्षम स्वीकृति एवं निर्धारित प्रक्रिया के तहत ली गई आउटसोर्स सेवाओं पर कार्यरत सेवायुक्त, जिनका पारिश्रमिक/मानदेय आदि का भुगतान राज्य की संचित निधि से विकलनीय हो। विधि द्वारा स्थापित आयोग, ऐसी संस्थाएँ, जिनका शत-प्रतिशत स्थापना व्यय राज्य के नियमित स्थापना मद से विकलनीय होता है अथवा इसके लिये स्थापना अनुदान दिया जाता है, उनमें कार्यरत सेवायुक्त पात्र होंगे।

पात्रता की शर्तें
मृतक सेवायुक्त मान्य चिकित्सीय जाँच में (RAT/RTPCR) कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया हो तथा उसकी मृत्यु उपचार के दौरान हुई हो अथवा स्वस्थ होने के बाद पॉजिटिव होने के साठ दिन के भीतर किसी भी बीमारी से मृत्यु हो गयी हो। मृत्यु की तिथि पर वह शासन के नियोजन/शासकीय कार्य में कार्यरत हो। मृतक सेवायुक्त शासकीय कार्य में पूर्णकालिक रूप से नियोजित होना चाहिये।

योजना में अनुकम्पा नियुक्ति के लिये परिवार के सदस्य की पात्रता का निर्धारण सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 29 सितम्बर, 2014 की कण्डिका-2 के अनुसार होगा। मृतक शासकीय सेवक/सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने में आयु का बंधन नहीं होगा। दिवंगत शासकीय सेवक/सेवायुक्त के परिवार का कोई भी सदस्य यदि पूर्व से शासकीय सेवा अथवा निगम, मण्डल, परिषद, आयोग आदि में नियमित सेवा में नियोजित हो, तो वह अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र होगा। यदि किसी शासकीय सेवक/सेवायुक्त की मृत्यु अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने के बाद सेवावृद्धि, पुनर्नियुक्ति/संविदा नियुक्ति के दौरान होती है, तो अनुकम्पा नियुक्ति के लिये अपात्र होगा। जिन परिवार को मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपये प्राप्त करने की पात्रता है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।

योजना की अवधि
योजना एक मार्च 2021 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। अगर सेवायुक्त योजनावधि में कोविड-19 पॉजिटिव था, लेकिन उसकी मृत्यु योजनावधि समाप्त होने के पश्चात परंतु कोविड-19 पॉजिटिव होने के साठ दिन के भीतर हो जाती है तब भी अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी।

अनुकम्पा नियुक्ति के पद
योजना में कार्यरत सेवक की मृत्यु होने पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को उसके द्वारा धारित योग्यता एवं अर्हता के आधार पर वर्ग-3 (गैर कार्यपालिक पद) अथवा वर्ग-4 अथवा इसके समतुल्य पदों पर उसी प्रकार के नियोजन में अनुकम्पा नियुक्ति दी जायेगी, जिस प्रकार के नियोजन में मृतक सेवक नियोजित था।

अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया
अनुकम्पा नियुक्ति के लिये आवेदन-पत्र उस कार्यालय प्रमुख/विभाग प्रमुख, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त अपनी मृत्यु के पूर्व कार्यरत था, को प्रस्तुत किया जायेगा। आवेदन मृत्यु दिनांक से 4 माह के भीतर प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। अपरिहार्य स्थिति में विलम्ब के कारणों से संतुष्ट होने पर दावा स्वीकृति के लिये सक्षम प्राधिकारी अधिकतम तीन माह तक का विलम्ब माफ कर सकेंगे। अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदनों के निपटारे के लिये ऐसे आवेदकों की एक सूची संबंधित कार्यालय/विभाग में बनाई जायेगी एवं इसका क्रम दिवंगत सेवायुक्त की मृत्यु के दिनांक से निर्धारित किया जायेगा, अर्थात जो सेवायुक्त पहले दिवंगत हुआ है, उसके आश्रितों को पहले अनुकम्पा नियुक्ति आरक्षण नियमों का पालन करते हुए दी जायेगी। अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी कार्यालय या विभाग में दी जायेगी, जिसमें दिवंगत सेवायुक्त निधन के पूर्व नियोजित था। यदि विभाग की स्थापना में ऐसा पद रिक्त नहीं है, जिस पर परिवार के सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है, तो इसके लिये सांख्येत्तर पद निर्मित किया जा सकेगा। ऐसे सांख्येत्तर पद पर की गई नियुक्ति भविष्य में नियमित पद की रिक्ति के विरुद्ध समायोजित की जायेगी एवं पात्र आश्रित की पदोन्नति एवं अन्य कारणों से सांख्येत्तर पद रिक्त होने पर स्वत: समाप्त समझा जायेगा।

सांख्येत्तर पद निर्मित करने की अनुमति शासन द्वारा गठित समिति द्वारा दी जायेगी। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। समिति में प्रमुख सचिव, वित्त और विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव सदस्य होंगे। अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग सदस्य सचिव होंगे। दिवंगत सेवायुक्त के परिवार को शपथ-पत्र पर उस सदस्य का नाम देना होगा, जिसको अनुकम्पा नियुक्ति दी जाना है। दिवंगत सेवायुक्त के पात्र आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने की स्थिति में उस पात्र अभ्यर्थी से नियुक्ति के पूर्व इस आशय का शपथ-पत्र लिया जायेगा कि वह दिवंगत सेवायुक्त के परिवार के अन्य सदस्यों का समुचित भरण-पोषण करेगा। आउटसोर्स के रूप में पात्र आश्रित को उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियोजित कराया जायेगा।

प्रकरण स्वीकृति के लिये सक्षम अधिकारी
जिलों में कार्यरत सेवायुक्त की मृत्यु के समय उनके नियुक्ति स्थल के कार्यालय प्रमुख द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने अभिमत सहित प्रकरण संबंधित जिले के कलेक्टर के पूर्व अनुमोदन के बाद नियुक्ति आदेश विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जायेगा। जिला कलेक्टर अनुमोदन देने से पूर्व, जिले में इस योजना के अंतर्गत प्राप्त अनुकम्पा नियुक्ति के समस्त प्रकरणों की समीक्षा करेंगे, ताकि यथासंभव संबंधित जिले में ही पात्र आवेदक को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सके। यदि किसी विभाग में उपयुक्त पद रिक्त न हो, तो जिले के अन्य किसी ऐसे विभाग में पद रिक्त होने पर अनुकम्पा नियुक्ति अन्य ऐसे विभाग में दी जाने के निर्देश कलेक्टर संबंधित को दे सकेंगे। यह अनिवार्यता नहीं रहेगी कि जिले में अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाये, जिसमें मृत कर्मचारी कार्यरत था। सचिवालय/विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ सेवायुक्तों के प्रकरणों में संबंधित विभाग प्रमुख सक्षम प्राधिकारी होंगे। दैनिक वेतनभोगी/कलेक्टर दर पर कार्यरत/आउससोर्स/मानदेय कर्मी की मृत्यु पर उसके परिवार के पात्र सदस्य को आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित करने के लिये कलेक्टर/सक्षम विभागीय अधिकारी, सक्षम प्राधिकारी होंगे।

अर्द्धशासकीय/निगम/मण्डल/संस्थाओं में नियोजन
राज्य शासन के निगम/मण्डल/संस्थाओं/प्राधिकरण/विश्वविद्यालयों/स्थानीय निकाय में कार्यरत नियमित/स्थाईकर्मी/दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ/संविदा/आउटसोर्स सेवायुक्तों को उनके शासी निकाय के अनुमोदन से इस योजना के अनुरूप उसी संस्था में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। इन संस्थाओं को प्रकरण कलेक्टर को भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक माह की समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.